
इंदौर। इंदौर (Indore) के एमआईजी थाना क्षेत्र (MIG Police Station Area ) में बुधवार को उस समय सनसनी फैल गई जब एक बस (Bus) के नीचे कंडक्टर का शव (Conductor’s Body) मिला। शुरुआत में पुलिस (Police) को यह मामला हादसा प्रतीत हुआ, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद सच्चाई ने सबको चौंका दिया। रिपोर्ट में शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले को हत्या में तब्दील कर दिया है।
मृतक की पहचान 38 वर्षीय सचिन मंडलोई पिता सुखदेख मंडलोई निवासी डाबरी, जिला खरगोन के रूप में हुई है। सचिन निजी बस में कंडक्टर के पद पर कार्यरत था। पुलिस जांच में सामने आया कि घटना की रात बस में सचिन और ड्राइवर रतलाल उर्फ रतन पिता दुलेसिंह गुर्जर निवासी मानपुर, जिला धार के बीच शराब के नशे में विवाद हुआ था। शुरुआत में ड्राइवर रतन ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने दावा किया था कि सचिन अत्यधिक शराब पीने के कारण बस में सोने नहीं आ रहा था और जबरन बस में लाने के दौरान वह गिर पड़ा।
उसके अनुसार, बस से गिरकर पास बने सीमेंट के ओटले से सिर टकराने और ठंड में खुले में पड़े रहने के कारण सचिन की मौत हो गई। हालांकि, जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो हादसे की कहानी झूठी साबित हो गई। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सचिन के शरीर पर कई जगह मारपीट के गंभीर निशान थे, जो हादसे नहीं बल्कि जानबूझकर की गई पिटाई की ओर इशारा कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने ड्राइवर रतन को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में रतन ने कबूल किया कि शराब के नशे में सचिन ने उसके साथ गाली-गलौज की थी, जिससे विवाद बढ़ गया और उसने बस के अंदर ही सचिन के साथ मारपीट की। मारपीट इतनी गंभीर थी कि सचिन की मौत हो गई। फिलहाल एमआईजी थाना पुलिस ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और पूरे घटनाक्रम की गहन जांच की जा रही है।
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