
देवी अहिल्या की हंगामेदार आमसभा में खुली पदाधिकारियों की पोलपट्टी, २० साल का बकाया ऑडिट भी होगा
इंदौर। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था (Devi Ahilya Workers Workers Cooperative Society) की कल आयोजित आमसभा हंगामेदार रही, क्योंकि एक दिन पहले ही सहकारिता विभाग ने तमाम अनियमितताएं और भूखंडों का घोटाला (scam) करने वाले अध्यक्ष विमल अजमेरा को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया था, जिसके चलते उनसे जुड़े संचालन मंडल ने पहले तो आमसभा निरस्त कराने के भी प्रयास किए। मगर चूंकि बड़ी संख्या में भूखंड पीडि़त शामिल हुए और उपाध्यक्ष पंकज जायसवाल ने मोर्चा संभाला और निक्षासित अध्यक्ष और संचालक मंडल की पोलपट्टी खोली कि किस तरह भूखंडों की बंदरबांट की गई।
पिछले दिनों निष्कासित अध्यक्ष अजमेरा ने मनमाने तरीके से पात्र-अपात्रों की सूची तैयार की और दावे-आपत्तियां 60 की बजाय 15 दिन का समय देते हुए आमंत्रित भी की और साथ ही 24 सितम्बर को आमसभा में इस सूची को मान्यता देने के प्रयास भी किए। मगर उसके पहले ही उनका निष्कासन हो गया। अब श्री जायसवाल के मुताबिक 60 दिन की समयावधि 31 अक्टूबर को खत्म होगी। लिहाजा तब तक दावे-आपत्तियां ली जाएंगी। 1 सितम्बर को पात्र-अपात्रों की सूची प्रकाशित की गई थी। उस पर 500 से अधिक दावे-आपत्तियां 15 दिन की समय सीमा में मिली और अब 31 अक्टूबर तक इन्हें स्वीकार किया जाएगा। संस्था की दोनों कॉलोनियों अयोध्यापुरी और श्री महालक्ष्मीनगर की ये दावे-आपत्तियों को लेने के बाद उनका विधिवत निराकरण करेंगे और संस्था का जो 19-20 सालों से ऑडिट नहीं हुआ है उसे भी अब सहकारिता विभाग के माध्यम से करवाया जाएगा। संस्था के मामले में लगातार सक्रिय रहे गौरीशंकर लाखोटिया का भी कहना है कि जब तक ऑडिट नहीं होगा तब तक पात्र-अपात्रों की सूची बन ही नहीं सकती। लिहाजा पूर्व अध्यक्ष द्वारा बनाई गई वरीयता सूची को कल आमसभा में भी खारिज कर दिया और अब नए सिरे से पात्र-अपात्रों की सूची तैयार की जाएगी। कल आमसभा में उपाध्यक्ष जायसवाल ने 5-5 लाख रुपए की रिश्वत भूखंड पीडि़तों से लिए जाने सहित कई आर्थिक अनियमितताएं की पोल भी खोली और इससे जुड़ी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आई। दूसरी तरफ श्रीमती सोना कस्तूरी, मनोज काला, सुशील जोहरी और रवून्द्र मिश्रा आदि संचालक मंडल में शामिल सदस्यों ने भी इन अनियमितताओं को बचाने के पूरे प्रयास किए। मगर आमसभा सम्पन्न हो गई।
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