
-लोगों का आरोप- कचरा ट्रांसफर स्टेशन का हिस्सा बचाने के लिए दूसरी बार फिर की कार्रवाई
-अफसरों का कहना-कर्व होने के कारण पहले भी बनी थी असमंजस की स्थिति
-कई लोगों के पांच फीट तो कई के सात फीट तक के हिस्से सडक़ की चपेट में आए
-रहवासियों का आरोप-खुद बाधाएं हटा ली थीं, अब बाधक हिस्से तोडऩे से स्थिति खतरनाक
इंदौर। खड़े गणपति मंदिर (Khadi Ganpati Temple) से टिगरिया बादशाह (Tigriya Badshah) तक बनाई जा रही 104 फीट चौड़ी सडक़ के मामले में शेष बचे 11 मकानों (11 houses) की बाधाएं हटाने के लिए आज फिर नगर निगम (Municipal council) का अमला क्षेत्र में पहुंचा और बरसते पानी में टीम ने कई मकानों के हिस्से हथौड़ों से तोडऩा शुरू किए, क्योंकि कई मकानों के कॉलम जेसीबी से टूटने का अंदेशा था। कार्रवाई के दौरान वहां जमा हुए रहवासियों ने अफसरों से मिन्नतें भी की, लेकिन अफसर नहीं माने। कई लोगों का आरोप था कि पहले भी उन्होंने बाधाएं खुद हटा ली थीं, अब जीटीएस की जमीन बचाने के लिए उनके यहां तोडफ़ोड़ की जा रही है।
नगर निगम द्वारा अप्रैल और मई के दौरान खड़े गणपति मंदिर से टिगरिया बादशाह तक की सडक़ के लिए बड़े पैमाने पर बाधाएं हटाई गई थीं और कई मकानों के हिस्से तोड़े गए थे। करीब 200 से ज्यादा स्थानों पर तोडफ़ोड़ हुई थी। इसके बाद उक्त क्षेत्र में सडक़ निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था, लेकिन संगम नगर कचरा ट्रांसफर स्टेशन के आसपास के हिस्सों में कर्व होने के कारण मामला झमेले में पड़ गया था। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक कर्व के कारण 11 मकानों के और हिस्से पास से सात फीट सडक़ में बाधक बन रहे थे, जिसके चलते उन्हें नोटिस दिया गया था और आज निगम की टीम कार्रवाई के लिए क्षेत्र में पहुंची है। इनमें कई मकान तीन मंजिला हैं और कई मकान मालिकों ने निगम अफसरों को बताया कि पूर्व में उन्होंने लगाए गए निशानों के आधार पर तोडफ़ोड़ कर बाधाएं हटा ली थीं तो अब फिर से कार्रवाई क्यों की जा रही है। इस पर कई रहवासी निगम अधिकारियों से मदद के लिए गुहार लगाते रहे।
एक बार फिर घड़घड़ाने लगी पूरे क्षेत्र में ड्रील मशीन
नगर निगम ने बाधक हिस्सों को तोडऩे के लिए एक बार फिर कल क्षेत्र में 11 मकानों के हिस्सों पर लाल निशान लगा दिए थे। इसके बाद से रहवासियों ने भी अपने स्तर पर बाधक हिस्सों को तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी। निगम की कार्रवाई के दौरान ही कई छतों पर अनेक ड्रील मशीनों से बाधक हिस्से हटाए जा रहे थे। पूरे क्षेत्र में कार्रवाई के बाद हलचल मची हुई थी। वहीं कार्रवाई देख रहे लोगों के कारण काफी लंबा जाम लग गया था।
अब मकानों की स्थिति हो जाएगी खतरनाक
वहां रहने वाले सुमित मिश्रा का कहना है कि उन्होंने पूर्व में निगम द्वारा लगाए गए निशान के आधार पर खुद अपने स्तर पर तोडफ़ोड़ कर बाधक हिस्से हटा लिए थे, लेकिन निगम की टीम फिर से कार्रवाई के लिए क्षेत्र में पहुंची है और अब मकानों के मुख्य पिलरों को तोड़ा जा रहा है, जिससे मकानों की स्थिति खतरनाक हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि संगम नगर कचरा ट्रांसफर स्टेशन का भी हिस्सा बचाने के लिए कर्व के नाम पर उनकी ओर सडक़ मोड़ दी गई, जिसके कारण अब फिर से तोडफ़ोड़ करना पड़ रही है। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना था कि संगम नगर कचरा ट्रांसफर स्टेशन की बाउंड्रीवाल भी सडक़ की जद में है और उसे भी आज ही तोड़ा जाएगा।


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