
इंदौर। इंदौर (Indore) जिले में जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा निर्देश दिए गए है कि दीपावली पर्व के दौरान फटाकों के निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन के संबंध में मानक संचालक प्रक्रिया अनुसार उच्चतम न्यायालय एवं हरित अधिकरण सेन्ट्रल जोन भोपाल द्वारा जारी आदेशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दीपावली पर्व के दौरान फटाकों के निर्माण, उपयोग, विक्रय वितरण एवं प्रस्फोटन के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई।
एडीएम रोशन राय ने बताया कि इस संबंध में सभी एसडीएम को पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। निर्देश में कहा गया है कि दीपावली पर्व के दौरान फटाकों के निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन के संबंध में मानक संचालक प्रक्रिया अनुसार उच्चतम न्यायालय एवं हरित अधिकरण सेन्ट्रल जोन भोपाल द्वारा जारी आदेशों का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाए। उक्त समस्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने एवं अनियमितता या शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर विधि सम्मत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये।
बताया गया कि दीपावली पर्व के समय रात्रि 08 से रात्रि 10 बजे तक ग्रीन फटाकों का उपयोग सिर्फ उन शहरों में किया जा सकता है, जहाँ नवम्बर 2021 की स्थिति में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index AQI) मध्यम अथवा उससे कम (Moderate or below) श्रेणी की हैं। माह नवम्बर 2021 के दौरान यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) Poor & above Category वाले सभी शहरों में फटाकों पर पूर्णतः प्रतिबंध लागू रहेगा।
फटाकों का प्रस्फोटन संवेदनशील क्षेत्रों (Silence Zones) जैसे : अस्पताल, नर्सिंग होम्स, हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक स्थलों इत्यादि से 100 मीटर की दूरी तक प्रतिबधिंत है, जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस यह सुनिश्चित करेंगे कि संवेदनशील क्षेत्रों के 100 मीटर की दूरी तक फटाकों का प्रस्फोटन न हो। ग्रीन फटाकों हेतु Petroleum & Explosive Safety Organisation (PESO) व National Environmental Engineering Research Insitiute (NERI) द्वारा स्वेच्छिक वर्गीकरण किया जाता है जिसमें फटाकों के पैकिंग पर लोगो प्रिंट रहता है तथा पंजीकृत निर्माताओं की सूची NEERI की वेबसाईट www.neerires.in/file_homes/17164660_Istfireworknda28102021.pdf पर उपलब्ध है। ग्रीन फटाकों के अंतर्गत फुलझडी (Sparklers), अनार (Flowerpots) व मेरून (Maroons) आते हैं। फटाकों में बेरियम सॉल्ट इत्यादि विषैले रसायनों का उपयोग प्रतिबंधित हैं। लड़ी (जुडे हुए फटाकों) का निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन भी प्रतिबधिंत हैं। फटाकों की तीव्रता प्रस्फोटन स्थल से 04 मीटर पर 125 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। फटाकों की ऑनलाईन सेल (जैसे अमेजॉन, फिलिपकार्ट, इत्यादि से) प्रतिबंधित हैं।
कहा गया है कि मानकों के अनुरूप निर्धारित ध्वनि सार के फटाकों का निर्माण एवं विक्रय की जांच हेतु नमूने एकत्रित कर इनका विश्लेषण PESO अथवा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशालाओं में कराया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय एवं हरित अधिकरण सेंट्रल जोन भोपाल के आदेशनुसार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुल 14 दिन (दीपावली से 07 दिन पूर्व एवं दीपावली से 07 दिन पश्चात) परिवेशीय वायु मॉनिटरिंग नियमित पैरामीटर के साथ अन्य प्रदूषक जैसे एल्यूमिनियम, बेरियम, आयरन, का विश्लेषण भी किया जाना है, इस संबंध में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सभी प्रयोगशालाओं को निर्देशित किया जा चुका है।
फटाकों के जलने के उपरांत बचे हुये कागज के टुकडे़ एवं अधजली बारूद के संपर्क में आने से पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका रहती हैं। इसको देखते हुए फटाकों के जलने के उपरांत उत्पन्न कचरे को ऐसे स्थानों पर न फेंका जायें जहाँ पर प्राकृतिक जल स्रोत एवं पेय जल स्रोत प्रदूषित की संभावना हो। फटाकों के जलने के उपरांत बचे हुये कचरे को पृथक स्थान पर एकत्रित किया जाये तथा नगर निगम के कर्मचारियों को सौंपा जाये। नगर निगम एवं नगर पालिका इस संग्रहित कचरे का पृथक से एकत्रीकरण कर उसका अपवहन सुनिश्चित करें।
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