
इंदौर। नेशनल हाईवे द्वारा 77 किलोमीटर के पूर्वी बायपास की डीपीआर बनाने के साथ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू करा दी है और साथ ही पश्चिमी बायपास की भी प्लानिंग चल रही है। अभी पिछले दिनों केन्द्रीय सडक़ और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मध्यप्रदेश दौरे पर आए थे और उन्होंने कई नए प्रोजेक्टों को भी मंजूरी दी, जिसमें इंदौर-भोपाल ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट भी शामिल है। 73 हजार करोड़ रुपए से अधिक के रोड नेटवर्क विस्तार के लिए केन्द्र से मिली इन सौगातों के चलते निकट भविष्य में प्रदेश का सडक़ परिवहन सुगम होगा और सीधे कनेक्टीविटी पर्यटन सहित बंदरगाहों से भी मिलेगी। दूसरी तरफ बारिश के बाद मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम द्वारा 1900 से अधिक सडक़ों का निर्माण भी शुरू किया जा रहा है।
अभी जो 27 प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे द्वारा मध्यप्रदेश में अमल में लाए जा रहे हैं उसमें जबलपुर-भोपाल ग्रीन फील्ड हाईवे 255 किलोमीटर के साथ-साथ इंदौर-भोपाल ग्रीन फील्ड कॉरिडोर, जो कि 160 किलोमीटर रहेगा, उसके निर्माण से जहां इंदौर-भोपाल की दूरी 40 किलोमीटर घटेगी, वहीं 30 से 40 मिनट सफर का समय भी कम रहेगा और यह ग्रीन फील्ड कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके अलावा लखनादोन-रायपुर फोरलेन हाईवे, जो कि 220 किलोमीटर का रहेगा, के अलावा उज्जैन, झालावाड़, बदनावर-टिमरनी, खंडवा-बैतुल फोरलेन के साथ-साथ इंदौर पूर्वी बायपास, जो कि सिक्स लेन रहेगा वह भी इन 27 बड़े प्रोजेक्टों में शामिल है।
कान्हा-गांधवगढ़ पेंच और पन्ना राष्ट्रीय उद्यानों को आपस में जोडऩे के लिए टाइगर कॉरिडोर भी निर्मित किया जा रहा है। वहीं अभी पिछले दिनों संभागायुक्त दीपक सिंह ने भी इंदौर संभाग में चल रहे सडक़ों के निर्माण, संधारण कार्यों की जो बैठक ली, उसमें इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन के साथ-साथ एबी रोड से हरसौला, दतोदा, अमलपुरा, सांवराखेड़ा, जावर मार्ग, तेजाजी नगर से बलवाड़ा, इंदौर-हरदा फोरलेन, इंदौर-देवास सिक्सलेन, इंदौर-खलघाट फोरलेन और इंदौर-गुजरात फोरलेन सडक़ों के निर्माण और संधारण के भी निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, 31 मार्च 2026 तक 277 नई सडक़ों का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। ये सडक़ें इंदौर संभाग में 1187 किलोमीटर का दायरा कवर करेगी।
इसके अलावा 111 किलोमीटर की 35 अन्य सडक़ों का भी संधारण विभाग द्वारा किया जा रहा है। वहीं एमपीआरआरडीए के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री मजरा-टोला सडक़ योजना का कार्य भी बारिश बाद शुरू होगा और ऐसी 1904 सडक़ें हैं, जिन्हें दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 1243 और दूसरे में 661 सडक़ें चिन्हित की गई है। इस योजना में मध्यप्रदेश शासन द्वारा 100 फीसदी राशि खर्च की जा रही है और लगभग 4158 सडक़ें निर्मित होंगी। दूसरी तरफ नगर निगम ने शहर की 23 मास्टर प्लान की सडक़ों का जो निर्माण शुरू किया वह अत्यंत ही धीमी गति से चल रहा है। कई सडक़ों पर तो नेतानगरी के विरोध के चलते अभी तक चौड़ाई से लेकर अलाइनमेंट ही तय नहीं हुए, जिनमें तमाम अड़चनें डाली जा रही है। नगर निगम का कहना है कि शहर में 3868 किलोमीटर की सीमेंट कांक्रीट की सडक़ें हैं और 205 डामरयुक्त सडक़ों में सुधार की जरूरत है। अभी लगातार बारिश के चलते भी शहर की तमाम डामर सडक़ें बह गईं, जिनमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर के मुताबिक इन सडक़ों पर पेंचवर्क का काम भी शुरू करा दिया है।
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