
300 साल से ज्यादा पुराने पीपल को काटने के विरोध में
नगर निगम टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया
इंदौर। 300 साल से ज्यादा पुराने पीपल (Ficus religiosa) के पेड़ की निर्मम कटाई (ruthless harvesting) के विरोध में कल पर्यावरणप्रेमी मुंडन (tonsure) कराने बारहमत्था पहुंचे। इसी दौरान मंदिर परिसर में जमा होने वाले पर्यावरणप्रेमियों को काटे गए पीपल के तने से लगभग 10 फीट दूर मंदिर परिसर की चहारदीवारी के अंदर काटे गए अन्य पेड़ों के भी अवशेष ( ठूंठ) नजर आए। यह नजारा देखते वृक्ष बचाओ-इंदौर बचाओ के लिए आंदोलन कर रहे पर्यावरणप्रेमियों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना निगम के उद्यान अधिकारी नागेंद्रसिंह भदौरिया को दी। इसके बाद नगर निगम की टीम बारहमत्था मंदिर परिसर पहुंची तो वहां एक जगह पर पेड़ों के छोटे-छोटे 6 ठूंठ और 3 जगह पर अलग-अलग बड़े-बड़े ठूंठ पाए गए।
उद्यान विभाग ने 50 हजार का जुर्माना ठोंका
नगर निगम उद्यान विभाग की टीम ने एक ही जगह पर 6 छोटे-छोटे ठूंठों को एक पेड़ और अन्य 3 बड़े ठूंठों को 3 पेड़ मानते हुए मौके पर मौजूद पर्यावरण विशेषज्ञ ओपी जोशी, मुकेश वर्मा की शिकायत पर 4 पेड़ काटे जाने का पंचनामा बनाकर जमीन मालिक कैलाश मोदी से 50 हजार रुपए का जुर्माना वसूला। उद्यान विभाग की टीम के अनुसार एक जगह पर जो 6 पेड़ के ठूंठ मिले हैं वह बेर प्रजाति का एक पेड़ है। इसके अलावा 3 में 2 गूलर और 1 बबूल का पेड़ है।
अब पेड़ काटने वालों के खिलाफ एफआईआर कराएंगे
300 साल से ज्यादा पुराने पीपल के पेड़ की निर्मम छंटाई-कटाई के विरोध में संभवत: इंदौर के इतिहास में पहली बार पर्यावरणप्रेमियों ने मुंडन कराया है। अपना मुंडन कराने वाले पर्यावरणप्रेमी मुकेश रजत वर्मा और चंद्रशेखर गवली ने अग्निबाण को बताया कि वृक्ष बचाओ-इंदौर बचाओ आंदोलन के अंतर्गत कल सभी पर्यावरणप्रेमी जिला प्रशासन की जनसुनवाई में पहुंचकर मांग करेंगे कि पेड़ काटने वाले आदतन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
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