
न गर्भ निरोधक गोली खाने की झंझट न ही प्रोटेक्शन कवर की जरूरत
इंदौर। प्रदीप मिश्रा
गर्भ निरोधक (contraceptives) सम्बन्धित नई तकनीक के इस्तेमाल से महिलाओं (women) और पुरुषों (Man) को बड़ी राहत मिलने जा रही है। इस मेडिकल तकनीक (medical technology) के इस्तेमाल से महिलाओं को 36 महीने तक अनचाहे गर्भ से निजात मिल सकेगी। फैमिली प्लानिंग मतलब परिवार नियोजन या फिर अनचाहे गर्भ से सुरक्षा के लिए अब महिला को सिर्फ इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट तकनीक को अपनाना होगा।
शासन ने फैमिली प्लानिंग सम्बन्धित इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट तकनीक वाले पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत इंदौर और रतलाम से कर दी है। इंदौर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक 60 से ज्यादा डाक्टर्स और अन्य स्टाफ को ट्रेंनिग दी जा चुकी है और बाकी की ट्रेनिंग अभी जारी है। डाक्टर्स का दावा है कि इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट तकनीक के सिर्फ एक बार इस्तेमाल से महिलाओं को जहां सम्बन्ध बनाने से पहले गर्भ निरोधक गोली खाने की झंझट से निजात मिलेगी या पुरुष पार्टनर को प्रोटेक्शन कवर पहनने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।
आखिर क्या है.. इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट तकनीक
जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट एक पतली, लचीली प्लास्टिक की छड़ जैसा केवल 4 से.मी. (डेढ़ इंच) लंबा, जिसमें प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है। यह हार्मोन महिलाओं के शरीर में पाए जाने वाले प्राकृतिक हार्मोन जैसा ही होता है, जो अंडाशय से अंडे निकलने को रोकता है और गर्भाशय ग्रीवा के तरल पदार्थ को गाढ़ा करके शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने से रोकता है। जरूरत पडऩे पर इसे कभी भी हटवाया जा सकता है। इसे प्रशिक्षित डाक्टर्स या नर्सिंग स्टाफ द्वारा महिला की बांह में त्वचा के अंदर इम्प्लांट किया जाता है। इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट की कीमत लगभग 6000 रुपए है, मगर यह एमटीएच हॉस्पिटल जैसे अन्य गायनिक सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में लगाया जाएगा ।
इस इंट्रा डर्मल डिवाइस इम्प्लांट तकनीक के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत इंदौर से हो गई है। अभी सम्बन्धित सरकारी डाक्टर्स और अन्य स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है।
-डाक्टर माधव हसानी
सीएमएचओ,
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