
इंदौर, प्रदीप मिश्रा। स्वास्थ्य विभाग ने पीसी पीएनडीटी (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक) सम्बन्धित नियम अनुसार महिला विकास विभाग को जो रिपोर्ट भेजी है, उससे एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 450 से ज्यादा ऐसी गर्भवती युवतियां सोनोग्राफी सेंटर पर जांच कराने पहुंचीं, जिनकी उम्र 18 साल से कम यानी नाबालिग थीं। पीसी पीएनडीटी ( गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक) सम्बन्धित नियम अनुसार शहर सहित जिले के सभी पंजीकृत सोनोग्राफी सेंटर पर गर्भवती महिलाओं की होने वाली सोनोग्राफी के रिकार्ड की जांच और निगरानी करने के लिए जिला प्रशासन ने फैमिली प्लानिंग अधिकारी और डाक्टर्स को शामिल कर, जिला निरीक्षक पर्यवेक्षण दल बनाए हैं। यह सभी सोनोग्राफी सेंटर्स पर निगरानी रखते हुए सम्बन्धित जानकारी जिला प्रशासन सम्बन्धित महिला बाल विकास और जिला स्वास्थ्य विभाग सहित शासन को देते हैं।
नाबालिग गर्भवती युवतियों का मामला वाकई हैरान कर देने वाला है। जब 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी पर कानूनन रोक है तो ऐसे में 478 नाबालिग युवतियों का गर्भवती होना, जहां शासन-प्रशासन के लिए अत्यंत गम्भीर जांच का विषय है तो वहीं समाज के लिए चिंता का विषय है। एमवाय के सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि जिला निरीक्षक पर्यवेक्षक दल ने पंजीकृत सोनोग्राफी सेंटर्स की जो जांच रिपोर्ट महिला बाल विकास को दी है, उसके मुताबिक जनवरी से अभी तक 478 नाबालिग युवतियां गर्भ की जांच कराने सोनोग्राफी सेंटर पहुंची हैं। पीसी पीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत सोनोग्राफी सेंटर्स पर निगरानी रखने मतलब रिकार्ड की जांच करने वाले जिला निरीक्षक पर्यवेक्षण दल में अभी तक सिर्फ 19 सदस्य थे, मगर हाल ही 2 डाक्टर्स को जिला न्यायालय द्वारा एक-एक साल की सजा सुनाने के बाद कल स्वास्थ्य विभाग की सलाहकार समिति की बैठक में 14 नए सदस्य जोड़़े गए है़।
अब नाबालिग गर्भवती बालिकाओं की सोनोग्राफी पुलिस को सूचना दिए बिना नहीं कर सकते डॉक्टर
नाबालिग गर्भवती बालिकाओं की सोनोग्राफी बिना पुलिस को सूचना दिए नहीं की जा सकती है। अपने क्षेत्र के पुलिस थाने को डॉक्टर को न केवल सूचना देना अनिवार्य है, बल्कि जिस मशीन का रजिस्ट्रेशन जिस भी डॉक्टर के नाम पर किया गया है, वही उसका इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन अस्पतालों में अन्य किसी विशेषज्ञ को बुलाकर सोनोग्राफी कराई जाने की शिकायतें मिल रही हैं। डॉक्टरों द्वारा उक्त सोनोग्राफी मशीन का उपयोग अन्य जांचों में भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में ऐसे दर्जनभर अस्पतालों को नोटिस दिया है।
इंदौर जिले में विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं। शहर में बड़ी संख्या में नए अस्पतालों और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलों का संचालन शुरू हुआ है, लेकिन नई स्वास्थ्य सुविधाओं में डॉक्टरो को पीसी पीएनडीटी अधिनियम की जानकारी नहीं होने और नियमों से वाकिफ नहीं होने के कारण बड़ी गफलत सामने आ रहे हैं। कल पीसीपीएनडीटी विभाग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विभाग के साथ मिलकर डॉक्टरो को न केवल नियमों की जानकारी दी बल्कि जांच कमेटी के सदस्यों को नियम भी बताएं। विभाग की नोडल अधिकारी डॉ निर्मला अखंड ने बताया कि अधिनियम के अंतर्गत सभी अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीन का उपयोग रजिस्टर डॉक्टर के माध्यम से ही किया जा सकता है वही 18 साल से कम उम्र की गर्भवतियों की जांच की जानकारी पुलिस थाने पर देना अनिवार्य है। देखा गया है कि रजिस्ट्रेशन तो कराया जा रहा है, लेकिन नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। हालांकि विभाग ने इन सभी अस्पतालों को नोटिस देकर नियमों की जानकारी दी है अब विभाग अपनी कमेटी के माध्यम से अस्पतालों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगी और खामियां पाए जाने पर अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
नोटिस थमाए तो जागे, 50 से अधिक अस्पतालों ने नाम बदले
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 50 से अधिक अस्पतालों ने मशीनों को लेकर जानकारी अपडेट करने के लिए आवेदन किया है। पूर्व से पंजीकृत केंद्र पर भी संशोधन संबंधी आवेदन पहुंचे हैं। इन सभी आवेदनों में कई नामी गिरामी अस्पताल भी शामिल है जो लंबे समय से विशेषज्ञों को बाहर से बुलाकर मरीजो की जांच कराते आ रहे हैं। ज्ञात हो कि एक ही अस्पताल में अलग-अलग समय में अलग-अलग डॉक्टरो द्वारा मशीन का स्तेमाल किया जाता है तो समय के अनुसार नाम पंजीकरण कराना अनिवार्य है। मशीन के लिए जिन डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन किया गया है, वही उस मशीन का इस्तेमाल कर सकता है।
इंदौर में रजिस्ट्रेशन की बाढ़ आई
गर्भ का चिकित्सकीय समापन नियम के अनुसार 18 साल से कम की नाबालिग बच्चियां, जो यौन शोषण, यौन हमले या कौटंूबिक व्यभिचार की शिकार हैं। अस्पताल उनकी सोनोग्राफी भी बिना पुलिस सूचना के नहीं कर सकते हैं। ज्ञात हो कि इंदौर जिले में मेडिकल हब होने की लहर चल पड़ी है, जिसके बाद सोनोग्राफी मशीनों के पंजीकरण और मशीनों की खरीदारी बढ़ गई है। इंदौर जिले में अब तक 753 सोनोग्राफी मशीनों का पंजीकरण किया जा चुका है। इन सभी मशीनों की जांच के लिए विभाग ने जांच कमेटी के सदस्यों में इजाफा किया है।
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