
इंदौर: इंदौर (Indore) में प्रशासन ने शुक्रवार को कार्बाइड गन (carbide guns) के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध (ban) लगा दिया है। यह फैसला दिवाली (Diwali) के दौरान इन देसी गनों से हुई गंभीर घटनाओं के बाद लिया गया, जिनमें 31 लोगों की आंखों में जानलेवा चोटें आई हैं। भोपाल और ग्वालियर में इस तरह का प्रतिबंध पहले से ही लागू है।
जिलाधिकारी शिवम वर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ये अवैध रूप से बनाई जा रही गनें जन स्वास्थ्य और पर्यावरण, दोनों के लिए बेहद हानिकारक हैं। इसलिए इनके निर्माण, भंडारण, बिक्री, खरीद, प्रदर्शन और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।
इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि दिवाली के आसपास शहर के विभिन्न अस्पतालों में 31 ऐसे मरीज भर्ती हुए, जिनकी आंखों को कार्बाइड गन से गंभीर नुकसान पहुंचा है। चिंता की बात यह है कि घायलों में 3 साल से लेकर 31 साल तक के लोग शामिल हैं, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं।
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यह समस्या सिर्फ इंदौर तक सीमित नहीं है। घायल मरीज मध्य प्रदेश के देवास, आगर-मालवा, सीहोर, शाजापुर, खंडवा, खरगोन और राजगढ़ जैसे जिलों से भी आए हैं। यहां तक कि झारखंड का भी एक मरीज इसमें शामिल है।
रील बनाने और शेयर करने पर भी रोक
प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भी नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इंदौर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने स्पष्ट किया कि कार्बाइड गन के साथ रील बनाने या ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर भी कानूनी पाबंदी रहेगी।
आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। दोषियों को एक साल तक की जेल या 5,000 रुपये का जुर्माना, या फिर दोनों सजा हो सकती है।
भोपाल में 59 गन जब्त, दो गिरफ्तार
यह समस्या पूरे प्रदेश में फैली हुई है। भोपाल पुलिस ने भी शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 59 कार्बाइड गन जब्त कीं। पुलिस ने इन गनों को बनाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। भोपाल में भी इन गनों की वजह से कई बच्चे घायल हुए, जिनमें से छह की हालत गंभीर है और वे अस्पताल में भर्ती हैं। 27 अन्य बच्चों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
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