
इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने इंदौर (Indore) के भागीरथपुरा (Bhagirathpura) में दूषित पानी पीने से बीमार हुए मरीजों का हालचाल जाना और प्रशासन पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान स्पष्ट कहा कि इंदौर की जनता को जो पानी सप्लाई किया जा रहा है, वह सिर्फ दूषित नहीं बल्कि ‘जहरीला’ है, जिसके कारण अब तक तीन मासूम जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं।
₹2200 करोड़ का खर्च और ‘कमीशन’ का खेल
जीतू पटवारी ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि पानी की सुविधाओं के नाम पर 2200 करोड़ रुपये फूंक दिए गए, लेकिन परिणाम शून्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन परियोजनाओं के फंड में ठेकेदारों और नेताओं के बीच मोटा कमीशन बांटा गया है। भ्रष्टाचार की हद यह है कि ड्रेनेज का गंदा पानी नर्मदा की पेयजल पाइपलाइन में मिल रहा है। विकास के दावों के बीच जनता को बुनियादी सुविधा के नाम पर मौत परोसी जा रही है।
महापौर और आयुक्त के खिलाफ FIR की तैयारी
पीसीसी चीफ ने मांग की है कि इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंदौर कांग्रेस जल्द ही नगर निगम आयुक्त और महापौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगी। पटवारी ने महापौर की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए पूछा— “जब शहर संकट में है, तो महापौर कहां गायब रहते हैं?”
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर सीधा निशाना
नगरीय प्रशासन मंत्री और क्षेत्रीय विधायक कैलाश विजयवर्गीय को घेरते हुए पटवारी ने कहा, “जनता ने आपको सब कुछ दिया, भारी मतों से जिताया, फिर बदले में आप उन्हें गंदा और जहरीला पानी क्यों पिला रहे हैं?” उन्होंने मौतों को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि यह सीधे तौर पर प्रशासनिक विफलता और भ्रष्टाचार का परिणाम है।
इंदौर के जज्बे को सलाम
दुख की इस घड़ी में पटवारी ने इंदौरवासियों के जज्बे की सराहना की। उन्होंने कहा कि इंदौर के लोग हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही ने इस शहर की साख और स्वास्थ्य दोनों को खतरे में डाल दिया है।
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