
इंदौर, राजेश ज्वेल
अग्रिबाण (Agniban) ने पिछले दिनों ही यह मामला उजागर किया था कि इंदौर में जो जमीन (Land) का सबसे बड़ा 455 करोड़ का सौदा जिस गुजराती कम्पनी (Gujarati Company) ने किया है वह फर्जी बैंक गारंटी (Fake bank guarantee) मामले में उलझी है और हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के निर्देश भी दिए हैं, जिसके चलते कल सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक सहित दो लोगों को कलकत्ता से गिरफ्तार कर इंदौर पूछताछ के लिए लाई, क्योंकि इंदौर में ही कम्पनी ने रावजी बाजार थाने पर फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ी शिकायत दर्ज करवाई थी। इसी कम्पनी तीर्थ गोपीकॉन लि. ने एमओजी लाइन स्थित कुक्कुट पालन केन्द्र की स्मार्ट सिटी की 17 एकड़ जमीन सबसे ऊंची 455 करोड़ की बोली लगाकर खरीदना तय किया। मगर कल पहली किश्त के 23 करोड़ रुपए ही कम्पनी जमा नहीं कर सकी और समय बढ़ाने का आवेदन कर दिया।
इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड ने एमओजी लाइन में कई बड़े भूखंडों को भी टेंडरों से बेचा है और कुछ भूखंड अभी भी बिक्री से बचे हुए हैं। इसके साथ ही कुक्कुट पालन केन्द्र की 68510 स्क्वेयर मीटर यानी 17 एकड़ जमीन को भी स्मार्ट सिटी को सौंपा गया और उसे टेंडर के जरिए बेचना तय किया, ताकि प्राप्त होने वाली राशि से शहर में विकास कार्य करवाए जा सकें। पहले तो दो बार इसके टेंडर बुलाए, मगर इतना बड़ा जमीनी सौदा कोई लेने को तैयार नहीं हुआ, क्योंकि पूरी राशि एक नम्बर में जमा करना है। उसके पश्चात बुलाए टेंडर में तीन फर्मों ने हिस्सा लिया, जिनमें विजय बाबूलाल जैन रियल इस्टेट, वीसी प्रोजेक्ट एंड इन्फ्रा. प्रा.लि. और तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड शामिल रहा, जिसमें सबसे ऊंची बोली तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड ने 454.54 करोड़ की लगाई, जिसे स्मार्ट सिटी बोर्ड बैठक में मंजूरी भी दी गई। 66 हजार रुपए प्रति स्क्वेयर मीटर की कलेक्टर गाइडलाइन के लगभग ही यह टेंडर प्राप्त हुआ। आवासीय सवाणिज्यिक उपयोग की इस जमीन के लिए 8 किश्तों में स्मार्ट सिटी राशि लेगी और तीन साल बाद कब्जा सौंपेगी। इसी बीच तीर्थ गोपीकॉन कम्पनी बैंक गारंटी के मामले में उलझी और उस पर आरोप लगे कि उसने पूर्व में मध्यप्रदेश जल निगम के जो सिंचाई के बड़े प्रोजेक्ट के टेंडर लिए उसमें 184 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी का इस्तेमाल किया। दूसरी तरफ कम्पनी का कहना है कि उसके साथ बैंक मैनेजर ने धोखाधड़ी की और फर्जी बैंक गारंटी दे दी, जिसकी शिकायत रावजी बाजार थाने पर दर्ज करवाई गई और फिर जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए, ताकि यह पता लग सके कि कम्पनी सही बोल रही है या झूठ, जिसके चलते सीबीआई ने कलकत्ता से पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक सहित अन्य दो लोगों को गिरफ्तार किया और अब पूछताछ के लिए उन्हें इंदौर भी लाया गया है। दूसरी तरफ एमओजी लाइन की जमीन खरीदने वाली इसी कम्पनी तीर्थ कोपीकॉन को टेंडर शर्त के मुताबिक कल पहली किश्त की राशि 23 करोड़ रुपए जमा करना थी। हालांकि टेंडर के साथ भी कम्पनी ने इतनी ही राशि जमा की है और कुछ दिनों की मोहलत मांगी गई। स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कम्पनी को अभी कुछ दिनों की मोहलत पहली किश्त भरने की दी गई है, क्योंकि यह टेंडर शर्त का ही हिस्सा है और वैसे भी अभी हम कम्पनी को जमीन का कब्जा नहीं सौंप रहे हैं, जब तक कि वह किश्तों के जरिए राशि जमा नहीं करेगी और इसी बीच अगर सीबीआई जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उपयुक्त कार्रवाई भी की जाएगी।
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