
18 विभागों को मिलकर जुटाना होंगे डाटा, 14 महीने की समयसीमा तय की शासन ने, नगरीय निकायों को मिलेगी मजबूती
इंदौर। राजवाड़ा (Rajwada) में आयोजित हुई मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में जहां इंदौर मेट्रो पॉलिटन रीजन (Indore Metropolitan Region) को हरी झंडी दी गई, तो अब शासन स्तर पर इसे अमल (Implementation) पर लाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। 18 विभागों को इसमें शामिल किया गया है, जो आवश्यक डाटा हासिल करेंगे और फिर उसके आधार पर रोड नेटवर्क के साथ-साथ नियोजन और विकास से जुड़ी प्लानिंग की जाएगी। आगामी 15 साल के लिए मेट्रो पॉलिटन रीजन का मसौदा तैयार किया जाएगा, ताकि इस अवधि में बढऩे वाली आबादी और उसकी जरूरत के मुताबिक इंदौर सहित पांच जिलों में आधारभूत सुविधाएं और अधोसंरचना के लिए योजना से जुड़े विकास कार्य करवाए जा सकते हैं।
अगले 14 महीनों में 18 विभागों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो पॉलिटन रीजन का ड्रॉफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसमें यातायात, भू-उपयोग, कृषि, उद्योग, पर्यावरण, जल संसाधन, रोजगार सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े डाटा एकत्रित किए जाएंगे और फिर डीपीआर बनाने के लिए टेंडर जारी होगा और फिर चयनित कम्पनी को इंजीनियरिंग योजना, लागत, अनुमान और विकास कार्यों की प्राथमिकताओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार करना होगी। इसकी समय सीमा भी 14 माह तय की गई है। इससे नगरीय निकायों की प्रशासनिक क्षमता को मजबूत किया जाएगा और बड़ी पंचायतों को नगर परिषद् का दर्जा मिलेगा और शहरी सुविधाओं का भी विस्तार होना है। इंदौर रीजन में 5 गांवों को शामिल किया गया है, जिसमें इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर शामिल हैं, जिसका कुल 9336.10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल आ रहा है। इसमें 29 तहसीलों के 1756 गांव शामिल हैं, जिनमें सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को आधुनिक करने के साथ-साथ रिंग रोड और मेट्रो रेल जैसे प्रोजेक्टों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। इसी के साथ भोपाल मेट्रो पॉलिटन की भी प्लानिंग चल रही है, जिसके चलते इंदौर और भोपाल के बीच एक इकोनॉमिक कॉरिडोर भी विकसित किया जा सकेगा, जो पीथमपुर, देवास, नागदा, शाजापुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगा। अभी शासन मध्यप्रदेश मेट्रो पॉलिटन प्लानिंग एंड डवलपमेंट एक्ट-2025 को तैयार कर रही है और आगामी मानसून सत्र में यह बिल विधानसभा में प्रस्तुत कर मंजूर करवाया जाएगा। इंदौर की तर्ज पर ही भोपाल रीजन में कुल 96000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रको शामिल किया है, जिसमें भोपाल के अलावा सीहोर, विदिशा, रायसेन और राजगढ़ जिलों के क्षेत्र शामिल हैं। दोनों ही मेट्रो पॉलिटन में नगरीय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल रहेंगे और इस पर क्रियान्वयन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और प्रमुख सचिव अथवा सचिव स्तर के अधिकारी को आयुक्त का जिम्मा सौंपा जाएगा, ताकि वह सभी जिलों के कलेक्टरों के साथ-साथ प्राधिकरण, निगम और अन्य विभागों के अफसरों के साथ आसानी से समन्वय कर सके। नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री इसमें उपाध्यक्ष रहेंगे, तो मुख्य सचिव, नगर तथा ग्राम निवेश के संचालक और मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, रेलवे बीएसएनएल के अलावा संबंधित नगर निगमों, नगर पालिकों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इंदौर विकास प्राधिकरण को मेट्रो पॉलिटन रीजन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी और पहले चरण का काम पूरा हो गया है। अब संबंधित विभागों से डाटा मिलने के बाद उसके प्रारुप का प्रकाशन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीते एक साल से इसकी प्रक्रिया में जुटे थे और वे लगातार इंदौर-भोपाल मेट्रो पॉलिटन के गठन के बाद सार्वजनिक मंचों से कहते रहे और उन्हीं की इच्छा के चलते इंदौर में हुई कैबिनेट बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। उसके साथ ही इंदौर के मास्टर प्लान को भी अब लाना पड़ेगा।
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