
इंदौर। शासन (Government) ने सरकारी हॉस्पिटल (Government Hospital) में कार्यरत सभी डाक्टर्स (Doctors) को आखिरी बार चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें एमएलसी (MLC) और पोस्टमार्टम (Post-mortem) से सम्बंधित रिपोर्ट अब हर हाल में सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर ही देना होगी। यह आदेश नहीं मानने वालों के खिलाफ शासन और स्थानीय प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉक्टर हेमंत गुप्ता ने बताया कि सरकारी डाक्टर्स और पुलिस विभाग को लगभग 3 सालों से दिशा -निर्देश दिए गए हंै कि वह एमएलसी (मेडिको लीगल केस) और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सम्बन्धित सारी जानकारियां कागजों की फाइल की बजाय सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर दे, मगर ज्यादातर सरकारी हॉस्पिटल में अभी तक शासन के इस निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। इस कारण शासन और स्थानीय प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग इस मामले में अब सख्ती बरतने जा रहा है।
अब तक केवल 50 प्रतिशत ही दे रहे
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉक्टर हेमंत गुप्ता ने बताया कि पिछले 3 सालों में शासन, प्रशासन द्वारा डाक्टर्स और पुलिसकर्मियों को बताया जा चुका है कि वह मरीज से सम्बंधित चोट, बीमारी, दुर्घटना, हमला या संदिग्ध आत्महत्या या अन्य मामले जो हॉस्पिटल और कानून से जुड़े हो, इसकी ऑनलाइन जानकारी सरकार द्वारा बनाए गए मेडलि पर मतलब मेडिको लीगल एंड पोस्टमार्टम रिपोर्ट ऑनलाइन सिस्टम पर दे, मगर 3 साल में अभी तक लगभग 50 प्रतिशत डाक्टर्स और पुलिस ऑनलाइन जानकारी दे रहे हैं।
समस्या से निजात मिलेगी
डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि यह ऑनलाइन मेडलि पर एपलीकेशन पोर्टल को इंटर अप्रेवल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के अंतर्गत तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि कोर्ट-कचहरी में एमएलसी या पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सम्बंधित जो भी प्रकरण जाते हैं, उसमें अक्सर कागजों पर लिखी गई डाक्टर्स और पुलिस की राइटिंग को पढऩा बड़ा मुश्किल होता है। इसलिए अब हाथों से लिखी रिपोर्ट की बजाय ऑनलाइन रिपोर्ट ही मंजूर की जाएगी।
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