
इंदौर। यह पहला मौका है जब नेशनल हाईवे द्वारा करवाए गए घटिया निर्माणों की पोलपट्टी देशभर के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों में खुल रही है। अभी तक लोक निर्माण और नगर निगम की सडक़ें ही पहली बारिश में चौपट होती रही, मगर इस बार राऊ फ्लायओवर से लेकर गणेश घाट, जिनका निर्माण सालभर पहले ही हुआ उसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और इसका खुलासा होने पर नेशनल हाईवे ने कल बच्चों से गड्ढे भरवाने के लिए पेवर ब्लॉक रखवा दिए। जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि बारिश में डामरीकरण नहीं हो सकता इसलिए पेवर ब्लॉक लगवाए गए हैं।
इंदौर ट्रक ऑपरेशन एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर राऊ फ्लायओवर, इंदौर बायपास सहित गणेश घाट की पहली ही बारिश में हुई दुर्दशा को लेकर पत्र लिखकर जांच की मांग की गई है। करोड़ों रुपए की राशि इन प्रोजेक्टों पर खर्च की गई और जनता से टोल टैक्स अलग वसूल किया जा रहा है। निर्माण की गुणत्ता इतनी घटिया है कि पहली ही बारिश में गड्ढे हो गए। 1.2 किलोमीटर लम्बा और 43 करोड़ से बना राऊ फ्लायओवर के साथ-साथ इंदौर-देवास बायपास और 109 करोड़ में बना 8.8 किलोमीटर लम्बा गणेश घाट भी गड्ढामय हो गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी इस मामले की जांच कराने को कहा है, तो दूसरी तरफ नेशनल हाईवे अधिकारी प्रवीण यादव से पूछने पर उन्होंने बताया कि राऊ फ्लायओवर में अभी पेेवर ब्लॉक लगवाए गए हैं, तो दूसरी तरफ इसकी ठेकेदार फर्म के साथ-साथ गणेश घाट का निर्माण करने वाली फर्म को भी नोटिस थमाया है। चूंकि गारंट पीरियड में ही गड्ढे होने की शिकायतें सामने आई हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बायपास को लेकर लगाई याचिका की सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे की वकील ने यह कह दिया था कि लोग आखिर सडक़ों पर निकलते ही क्यों हैं, जिसको लेकर खासा बवाल भी मचा। दूसरी तरफ अभी एक और नया खुलासा यह हुआ कि अर्जुन बड़ौद फ्लायओवर का निर्माण अभी तेजी से करवाया जा रहा है। दूसरी तरफ सर्विस रोड का निर्माण करने और रख-रखाव करने के लिए अलग-अलग ठेकेदार फर्मों को काम सौंपा गया, जो कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग ही है, तो राऊ फोरलेन के गड्ढे नाबालिग बच्चों से मजदूरी करवाकर भरवाने का भी मामला सामने आया। कुल मिलाकर नेशनल हाईवे पहली बार घटिया कामों के चलते सुर्खियों में है।
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