
इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े महानगर में बिजली कंपनी के पास तकरीबन 8 लाख उपभोक्ताओं की संख्या पहुंचने वाली है। गर्मियों के दिनों में शहरी क्षेत्र में बिजली की सर्वाधिक मांग रहती है, इसलिए मेंटेनेंस मार्च-अप्रैल में किया जाता है, लेकिन इस दौरान परीक्षा होने से बिजली कंपनी ने जनवरी में बिजली के ट्रांसफार्मर और तारों की क्षमता जांचने की रूपरेखा बनाई है, ताकि गर्मियों में एसी-कूलर और पंखे इंदौरियों को ठंडी राहत दे सकें।
बिजली कंपनी की मानें तो मेंटेनेंस एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन लोगों को इस मेंटेनेंस के दौरान कम से कम शटडाउन (अंधेरे) का सामना करना पड़े, इसलिए इस बार 2 महीने पहले जनवरी में पूरे शहर की बिजली व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। चीफ इंजीनियर कामेश श्रीवास्तव, शहर अधीक्षण यंत्री डीके गाठे द्वारा शहर के सभी पांच कार्यपालन यात्रियों को उनके अधीनस्थ इंजीनियरों के माध्यम से मेंटेनेंस की रूपरेखा को अंतिम रेखांकित भी किया जा रहा है, ताकि शहर के उपभोक्ताओं को दिक्कत न रहे। इंदौर लगातार बढ़ता हुआ शहर है, इसलिए जनवरी के महीने में शहर में पांच अतिरिक्त झोन बढ़ाने की कवायद भी अंतिम चरण में है। वर्तमान में इंदौर शहर में 30 झोन के माध्यम से विद्युत व्यवस्था संचालित की जाती है। अब इनकी संख्या 35 हो जाएगी। यह झोन ज्यादातर शहर के आउटर पूर्व-पश्चिम और उत्तर शहर के 5 से 8 जोन में ओवरलोड उपभोक्ताओं की संख्या का संतुलन बनाएंगे।
ऊर्जा मंत्री ने लगाई समाधान योजना पर इंजीनियरों की क्लास
बिजली कंपनी में बकायादार उपभोक्ताओं को राहत देते हुए समाधान योजना लगातार जारी है। दो दिन पहले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने तीनों बिजली कंपनियों के एमडी एवं आला अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देशित किया कि इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को दिया जाए, ताकि बिजली कंपनी के बकाया रेवेन्यू के साथ शत प्रतिशत वसूली हो सके। साथ ही ऊर्जा मंत्री ने शिकायत वाले और लापरवाह इंजीनियरों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी हाथोहाथ दिए हैं, जो प्रभावशील अधिकारियों का प्रभाव बनाते हैं। ऐसे इंजीनियरों की सूची भी भोपाल बुलवाई गई है।
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