
50 पार उम्र के बावजूद जिद और जुनून के चलते
इंदौर, प्रदीप मिश्रा।
शहर (Indore) के इंजीनियरिंग कॉलेज (College of Engineering) के प्रोफेसर (Professor) में साइकिलिंग (Cycling) का ऐसा जुनून और नशा है कि 50 साल की उम्र पार करने के बावजूद लंदन (London) में अगले माह होने वाली दुनिया की सबसे कठिन और चुनौती से भरपूर 1550 किलोमीटर साइकिलिंग कॉम्पिटिशन के चैलेंज को इन्होंने मंजूर कर लिया है। इस हार्ड चैलेंजिंग कॉम्पिटिशन में इंदौर ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश से सिर्फ अकेले प्रोफेसर सुरेश पासवान ही शामिल हो रहे हैं।
कोरोना काल में माता-पिता को खोने के बाद साइकिलिंग शुरू की
एसजीएसआईटीएस कॉलेज के फार्मेसी विभाग के सहायक प्रोफेसर पासवान के अनुसार वह साल 2019 में कोविड -19, मतलब कोरोना की लहर में माता-पिता को खोने के बाद दुख और अवसाद के चलते पूरी तरह टूट कर बिखरने ही वाले थे कि उन्होंने डिप्रेशन से उबरने के लिए सुबह-सुबह साइकिलिंग शुरू की। धीरे- धीरे साइकिलिंग का ऐसा जुनून चढ़ा कि अब हर दिन की शुरुआत साइकिलिंग से ही होती है।
एसजीएसआईटीएस कॉलेज और दोस्तों ने सहारा दिया
पासवान ने बताया इस विश्वस्तरीय साइकिलिंग कॉम्पिटिशन में भाग लेने की फीस ही 54 हजार रुपए है। इसके अलावा लंदन आने- जाने का किराया, यह सब मेरी हैसियत से बाहर था। यानी मेरे लिए इतनी धनराशि जुटाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन था, मगर कॉम्पिटिशन के बारे में जब एसजीएसआईटीएस कॉलेज प्रबन्धन को पता चला तो उन्होंने लंदन भेजने और फीस भरने की जिम्मेदारी उठा ली। कॉलेज के अलावा मेरे दोस्तों भी बहुत आर्थिक मदद कर रहे हैं। उनके कारण ही मैं इस कॉम्पिटिशन की तैयारी कर पा रहा हूं।
अब तक 12 हजार किमी साइकिल चला कर कई खिताब जीत चुके हैं
लंदन में साइकिलिंग करने के पहले प्रोफेसर पासवान साइकिल राइडर के कई खिताब अपने नाम कर चुके हैं। आयोजकों द्वारा तय सीमा में 300 से लेकर 400 और 600 किलोमीटर के अलावा गोवा से रामेश्वरम 1200 किमी सहित, मालेगांव से इंदौर, भोपाल के बीच कई बार साइकिलिंग करते हुए अभी तक लगभग 12 हजार किलोमीटर तक साइकिलिंग कर कई खिताब जीत चुके हैं।
लंदन के मौसम के हिसाब से गुडग़ांव से मनाली तक साइकिलिंग की
प्रोफेसर पासवान ने बताया कि लंदन और एडिनबर्घ के मौसम में साइकिलिंग करना भारतीय लोगों के लिए आसान नहीं है, इसलिए इसका अभ्यास करने और वहां के अनुसार खुद को ढालने के लिए गुडग़ांव से मनाली तक 1000 किलोमीटर तक साइकिलिंग कर चुके हैं।
मैं 29 जुलाई को लंदन के लिए रवाना हो रहा हूं। मैं जिस वल्र्ड लेवल साइकिलिंग कॉम्पिटिशन में भाग ले रहा हूं, इसमें सिर्फ भाग लेना ही बहुत सम्मान की बात है। मुझे विश्वास है मैं इंदौर वालों के स्नेह औऱ आशीर्वाद से इस चुनौती को अवश्य पूरा कर सकूंगा।
-सुरेश पासवान, सहायक प्रोफेसर, एसजीएसआईटीएस कॉलेज इंदौर
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