
इंदौर। इंदौर (Indore) इन दिनों चूहों (Rat) के जबरदस्त आतंक से जूझ रहा है। शहर के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में नवजातों (Newborns) को कुतरने (Gnawing) से लेकर, शास्त्री ब्रिज में गड्ढा करने और रीगल चौराहे पर गांधी प्रतिमा की नींव खोखली करने तक, चूहों का यह प्रकोप अब एक गंभीर संकट (Serious Trouble) बन चुका है। अब चूहों द्वारा काटने का नया रिकॉर्ड सामने आया है, जहां साल 2025 के ग्यारह महीनों 1250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
इंदौर में संभाग के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में सितंबर महीने में चूहों ने दो मासूम बच्चों को कुतरा, जिसमें कथित तौर पर दोनो ही बच्चों की जान चली गई थी, यह घटना अस्पताल के एनआईसीयू नवजात गहन चिकित्सा इकाई में हुई थी,जो स्वास्थ्य सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही थी। वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही मानते हुए कई कर्मचारियों और पेस्ट कंट्रोल एजेंसी पर कार्रवाई की, लेकिन परिजनों का आरोप है कि बच्चों की मौत का मुख्य कारण चूहे ही थे। वहीं दूसरी और चूहों ने शहर के बुनियादी ढांचे को भी नहीं बख्शा है।
हाल ही में, व्यस्त शास्त्री ब्रिज पर लगभग पाँच फीट गहरा गड्ढा हो गया था, जिसकी मुख्य वजह पुल के नीचे चूहों द्वारा बनाए गए दर्जनों बिल थे, जिसने नींव को कमजोर कर दिया। इसके अलावा, रीगल चौराहे पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा की रोटरी में भी चूहों ने 1000 से अधिक बिल खोदकर जमीन को खोखला कर दिया है। यह दिखाता है कि चूहों का आतंक शहर की ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण इमारतों की स्थिरता के लिए भी खतरा बन गया है। वहीं अब शहर के एंटी रेबीज डोज के लिए हुकुमचंद पॉली क्लिनिक में चूहों के काटने से डोज लगवाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। इस साल इंदौर में चूहों के काटने के रिकॉर्ड मामले दर्ज हुए हैं। अकेले जुलाई के महीने में 278 मामले सामने आए, जो सबसे अधिक हैं। पूरे ग्यारह महीनों में 1280 से ज्यादा लोगों को चूहों ने काटा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved