
इंदौर। केंद्र शासन (Central Government) की स्मार्ट सिटी योजना (Smart City Scheme) संचालन की अनुशंसाओं के अनुरूप इंदौर शहर (Indore city) मौजूदा स्थिति में सोलर सिटी (Solar City) घोषित होने के करीब पहुंच गया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय (Union Urban Development Ministry) ने स्मार्ट सिटी के निकायों को अधिकतम बिजली (Electricity) मांग का कम से कम 10 फीसदी सूरज की किरणों द्वारा सोलर संयंत्रों से नेट मीटर के माध्यम से बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा था। यह लक्ष्य इंदौर शहर सीमा में लगाए गए मौजूद सोलर संयंत्रों ने पूरा कर लिया है।
शासन और रिकॉर्ड के मुताबिक इंदौर शहर में अधिकतम बिजली मांग 700 मेगावाट वर्ष 2024-25 में दर्ज की गई थी। सोलर पैनल मीटर योजना के तहत 70 मेगावाट या इससे अधिक क्षमता के सोलर नेट मीटर इंदौर नगर निगम सीमा में स्थित शासकीय, अशासकीय कार्यालय, उद्योग परिसरों, स्कूलों, प्रशासनिक संस्थाओं, घरों और बहुमंजिला इमारत के साथ विश्वविद्यालय, चिकित्सालय आदि में सोलर संयंत्रों की स्थापना होनी थी। मौजूदा स्थिति में इंदौर शहर सीमा अंतर्गत मध्य शहर, सीमावर्ती शहर, सुपर कॉरिडोर और बायपास स्थित नगर निगम के 85 वार्डों के तहत 16,400 स्थान पर लाखों की संख्या में पैनल लगाई गई है।
इनकी कुल अधिकतम बिजली उत्पादन क्षमता 110 मेगावाट को पार कर रही है। यह अपने आप में एक बड़ी बात है। वर्तमान में इंदौर शहरी क्षेत्र में जितने स्थान पर सोलर पैनल लगी हैं, वह संख्या प्रदेश के अन्य तीन बड़े महानगरों भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर सभी को मिलाने के बराबर है। इंदौर शहर में पीएम सूर्यघर योजना के बाद यानी सवा साल से सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं की रुचि में ज्यादा इजाफा हुआ है। इन उपभोक्ताओं को 3 किलोवाट संयंत्र लगाने पर 78 हजार की सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा की जाती है।
इन प्रमुख स्थानों पर सोलर पैनल
रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, खजराना गणेश मंदिर, विद्या धाम मंदिर एवं गौशाला परिसर, दंत चिकित्सालय, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, यूनिवर्सिटी, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, पोलोग्राउंड बिजली मुख्यालय, नगर निगम के सभी कचरा ट्रांसफर स्टेशन, मानसिक रोग चिकित्सालय आदि प्रमुख स्थानों पर बड़े सोलर संयंत्र लगे हुए हैं।
ढाई करोड़ रुपए महीने की बिजली सूरज की किरणों से
वर्तमान स्थिति में शहर में 16 हजार 400 स्थानों पर 2 किलोवाट से 150 किलोवाट तक के क्षमता वाले सोलर पैनल लगे हुए हैं, जिनसे सूरज की किरणों से बिजली उत्पादित होती है। इनमें इस वर्ष गर्मी के एक माह के दौरान 40 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली बनी थी, जिसका बाजार मूल्य ढाई करोड़ रुपए है।
रूफ टॉप सोलर नेट मीटर संयंत्र की स्थापना के लिए कंपनी के कार्मिकों द्वारा समय से आवेदनों पर कार्रवाई कर मंजूरी दी जा रही है। अधिकांश आवेदनों का निराकरण झोन/ वितरण केंद्रों से लेकर बिजली कंपनी के डिवीजन कार्यालय तक ही हो जाता है। यही कारण है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत संयंत्र स्थापित करने में कंपनी क्षेत्र प्रदेश में आगे भी है। – अनूप कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक मप्रपक्षेविविकं इंदौर
इंदौर जो सोचता है वह करता है। इंदौर शहर के जागरूक नागरिक नवाचार में हमेशा पहले पायदान पर रहते हैं। स्वच्छता के बाद अब सोलर सिटी की ओर इंदौर ने छलांग लगाई है। यह रिलायबल एनर्जी की ओर एक बेहतर कदम है व ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में भी सहायक रहेगी। इंदौरवासी इसके लिए धन्यवाद के पात्र है। – पुष्यमित्र भार्गव , महापौर
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