दुकानदारों से एक जैसे बोर्ड लगाने के लिए निगम की एजेंसी ने लिए थे 20 से 25 हजार रुपए
सुबह-सुबह हुआ हादसा

इंदौर। पिछले दिनों नगर निगम (Municipal Corporation) स्मार्ट सिटी (Smart City) द्वारा जिला कोर्ट (District Court) के बाहर स्मार्ट बोर्ड (Smart boards) लगाए गए थे। इनमें से शुक्रवार देर रात आठ दुकानों के बोर्ड गिर (collapse.) गए।
स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर के व्यस्त रोड एमजी रोड पर जिला कोर्ट के बाहर की दुकानों पर एक जैसे बोर्ड लगाने और सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए थे, लेकिन घटिया काम के कारण आज सुबह-सुबह जिला कोर्ट के बाहर कई दुकानों के बाहर लगा एसीपी शीट का स्ट्रक्चर बोर्ड भरभराकर सडक़ पर आ गिरा। हालांकि सुबह भीड़ नहीं होने के चलते कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने निगम के कामकाज की पोलपट्टी फिर उजागर कर दी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले राजबाड़ा क्षेत्र में सभी दुकानों को एक जैसे रंगों में रंगा गया और वहां जयपुर पैटर्न पर एक जैसे बोर्ड दुकानों के बाहर लगाए गए। इसके बाद एमजी रोड को भी इसी पैटर्न पर संवराने का काम स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों ने शुरू किया। इसके लिए एक एजेंसी फाइनल कर उसे काम सौंपा गया था और एजेंसी ने वहां सारे पुराने बोर्ड हटवाकर एसीपी शीट के स्ट्रक्चर जिला कोर्ट के बाहर और सामने के छोर पर बनी दुकानों में लगवाए थे। इसके लिए 20 से 25 हजार रुपए हर दुकानदार से लिए गए थे। वहां बोर्ड का स्ट्रक्चर इतना घटिया बनया गया था कि दो, तीन महीने बाद से ही व्यापारी परेशान होने लग गए थे। कुछ व्यापारियों ने अपने स्तर पर बोर्ड के हिस्से और स्ट्रक्चर में सुधार कार्य कराए थे। आज सुबह 7 से 8 बजे के बीच जिला कोर्ट के बाहर की कई दुकानों के ऊपर लगा स्ट्रक्चर बोर्ड अचानक भरभराकर ढह गया। दुकानदारों का कहना था कि सुबह-सुबह घटना हुई, अन्यथा दिन में वहां काफी लोगों की भीड़ रहती है और फुटपाथ के आसपास के हिस्सों से कई लोग गुजरते हैं।
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