
बीएसएफ में पकड़े गए तस्कर से पूछताछ, दो साथियों की तलाश में भेजी टीम
इंदौर। शहर में कई सालों से सरकारी परिसरों (Government complexes) में लगे चंदन के पेड़ (sandalwood trees) तस्करों के निशाने पर हैं। कल फिर बीएसएफ (BSF) रेंज में चंदन का पेड़ काटने की घटना हुई, लेकिन जवानों ने एक आरोपी को पकड़ लिया, जबकि दो भाग गए। उनकी तलाश में टीम भेजी गई है। बताते हैं कि तस्कर काटे गए चंदन के पेड़ चंदन का तेल बनाने वाली फैक्ट्रियों को बेचते हैं।
बीएसएफ की रेंज में चंदन का पेड़ काटते वहां के जवानों ने विक्रमसिंह परमार को गिरफ्तार किया था। वह उज्जैन का रहने वाला है। उसके दो साथी राधेश्याम और ईश्वर भाग निकले। उनकी तलाश में पुलिस टीम उज्जैन भेजी गई है। बताते हैं कि उज्जैन और कुछ अन्य स्थानों पर चंदन का तेल बनाने की कुछ फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन फैक्ट्रियों में चंदन तस्कर सरकारी परिसरों से चंदन के पेड़ का तना काटकर बेचते हैं। केवल तना ही उपयोगी होता है, इसलिए वे केवल तना ही लेकर जाते हैं।
उज्जैन, शाजापुर और खंडवा के गिरोह सक्रिय
शहर में पिछले कुछ सालों में एमवाय अस्पताल, वन विभाग के नवरतनबाग आफिस, आईजी बंगले, डेली कॉलेज, महू सैन्य क्षेत्र सहित कई सरकारी परिसरों में चंदन के पेड़ काटकर ले जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कल बीएसएफ की रेंज में इस तरह की वारदात सामने आई। पुलिस का कहना है कि ज्यादातर चंदन के पेड़ सरकारी बंगलों में ही लगे हैं। इसके लिए ये चंदन चोरों के निशाने पर रहते हैं। पिछले कुछ समय में पुलिस ने कुछ गिरोह पकड़े भी हैं। ज्यादातर गिरोह शाजापुर, उज्जैन और खंडवा के हैं। कुछ दिन पहले एमवाय परिसर में काटे गए पांच चंदन के पेड़ के मामले में खंडवा के आरोपी पकड़े गए थे।
पुराने आईजी आफिस में कंटीले तार का जाल
अतिसुरक्षित परिसरों में चंदन के पेड़ कटने से विभाग की बदनामी होती है। कुछ साल पहले पुराने आईजी आफिस में चंदन के पेड़ कट गए थे। इसके बाद पुलिस ने वहां लगे पेड़ों के चारों ओर कंटीले तारों का जाल लगाया है, क्योंकि चंदन तस्कर इलेक्ट्रिक कटर का उपयोग करते हैं। अब कंटीले तारों के चलते वे पेड़ काटकर नहीं ले जा सकते हैं। कंटीले तार लगने के बाद यहां चंदन का पेड़ काटने की कोई घटना नहीं हुई।
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