
अब सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सभी राज्यों से मांगा है जवाब, जबकि महापौर ने जनता को राहत दिलाने का किया था दावा, लगातार बढ़ रही है काटने की घटनाएं
इंदौर। मध्यप्रदेश (MP) सहित अधिकांश राज्यों ने आवारा कुत्तों (stray dogs) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जो 22 अगस्त को आदेश जारी किया था उसके मुताबिक शपथ-पत्र (Affidavit) नहीं प्रस्तुत किए, जिसके चलते कल सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को कड़ी फटकार लगाते हुए उनके मुख्य सचिवों को तलब किया है। इंदौर में भी आवारा कुत्तों की समस्या लगातार बढ़ी है और 150 से अधिक लोगों को रोजाना आवारा कुत्ते काटते हैं। नगर निगम अपने दावे के अनुरूप एक भी शेल्टर होम का निर्माण नहीं कर पाया। जबकि इस मामले में महापौर ने कोर्ट तक लड़ाई लडऩे के दावे भी किए थे।
आवारा कुत्तों के लगातार हमले और उससे जुड़ी शिकायतें लगातार की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आवारा कुत्तों को सार्वजनिक खाना देने पर रोक लगाने के साथ-साथ नगर निगम द्वारा उनके फीडिंग झोन बनाए जाएं और जो कुत्ते खतरनाक हैं उन्हें अलग से शेल्टर होम में रखा जाए। इंदौर में कुत्तों की नसबंदी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कल सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी राज्य द्वारा हलफनामा नहीं दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और सभी मुख्य सचिवों से अब इसकी जानकारी मांगी है। इंदौर में ही नगर निगम ने ना तो नसबंदी का विस्तृत अभियान चलाया और ना ही कोई शेल्टर होम बनाया और ना ही फिडिंग झोन गली-मोहल्ले, कॉलोनियों में तय किए गए। जबकि महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आवारा कुत्तों की समस्याओं के मद्देनजर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लडऩे के दावे किए थे। मगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो गाइडलाइन तय की गई उसका ही पालन इंदौर नगर निगम ने अभी तक नहीं किया। जबकि पूरा शहर इन आवारा कुत्तों से परेशान है। रोजाना ही इससे जुड़े वीडियो, फोटो और खबरें आती है। औसतन 150 से अधिक लोगों को आवारा कुत्तों द्वारा काटा जाता है और हजारों की संख्या में अभी आवारा कुत्ते ऐसे हैं जिनकी नसबंदी भी नगर निगम नहीं कर पाया है। अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नगर निगम क्या कदम उठाता है।
सहायक यंत्री को किया निलंबित
जिले में भावांतर योजना के अंतर्गत सोयाबीन खरीदी का कार्य तेजी से जारी है। जिले की सभी मंडियों में किसानों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। इसी के तहत सांवेर कृषि उपज मंडी में किसानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में लापरवाही मिलने पर सहायक यंत्री मनोज चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। ज्ञात रहे कि गत दिनों कलेक्टर शिवम वर्मा और अनुविभागीय अधिकारी सांवेर में मंडी का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में मण्डी में कृषकों के लिये मूलभूत सुविधाये पानी, कृषक विश्राम गृह, शौचालय एवं भोजन इत्यादि की उचित व्यवस्थायें नहीं पाई गई। निरीक्षण के समय श्री मनोज चौधरी उपयंत्री (प्रभारी सहायक यंत्री) अनुपस्थित पाये गये।
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