
इंदौर। इंदौर नगर निगम द्वारा देपालपुर के साथ ही चार और नगरों को भी स्वच्छता के लिए गोद लिया जाएगा। इस बात का ऐलान प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उस समय किया, जब केंद्रीय मंत्री ने इंदौर द्वारा केवल एक शहर को गोद लिए जाने पर सवाल उठाया।
जब इंदौर और देपालपुर के बीच में स्वच्छता का एमओयू शनिवार को हस्ताक्षरित हो रहा था, तब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ ही देश के कई अन्य शहर के महापौर भी वर्चुअल जुड़े हुए थे। सभी शहरों में एक साथ दूसरे शहर को गोद लेने का एमओयू हुआ। कई बडे शहरों द्वारा पांच शहरों को गोद लेने का काम किया गया है। इस स्थिति पर खट्टर द्वारा वर्चुअल कहा गया कि इंदौर सहित मध्यप्रदेश के शहर क्यों पीछे हैं? इन शहरों द्वारा केवल एक शहर को क्यों गोद लिया जा रहा है? खट्टर के इस सवाल का जवाब मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दिया।
इस वर्चुअल संवाद में भोपाल से जुडक़र उन्होंने कहा कि अभी इंदौर द्वारा देपालपुर को गोद लेकर काम शुरू किया जा रहा है। इस काम को थोड़ा आगे बढ़ जाने दीजिए, उसके बाद में इंदौर भी अन्य शहरों को गोद लेगा। मैं आपसे वादा करता हूं कि इंदौर भी पांच शहरों को गोद लेकर वहां स्वच्छता का कार्य करेगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इंदौर नगर निगम द्वारा ग्राम देपालपुर को 100 दिवस में स्वच्छ करने का संकल्प लिया गया है। नगर निगम द्वारा 100 दिवस की कार्ययोजना के तहत कल से ही कार्य शुरू कर दिया गया है। कल महापौर और नगर निगम के अधिकारी जब देपालपुर पहुंचे तो उन्होंने वहां की स्थिति को देखा। निगम द्वारा देपालपुर के लिए कार्ययोजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। अभी तो सबसे पहले लोगों को खुले में कचरा फेंकने से रोकने और कचरा फेंकने वालों पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया है। वहां साधन-संसाधन की कमी एक बड़ा मुद्दा है। अब निगम भी यह देख रहा है कि संसाधन कैसे जुटाए जाएं?
आवारा पशु बड़ी समस्या
देपालपुर के विधायक मनोज पटेल ने एमओयू के मौके पर एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देपालपुर में आवारा पशु एक बड़ी समस्या है। इंदौर नगर निगम द्वारा तो गौशाला बनाकर इस शहर को पशु मुक्त किया गया था। इस तरह की व्यवस्था देपालपुर में भी नगर निगम को करना होगी। वहां बड़ा पशु मेला भी आयोजित किया जाता है। शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता लाने में अलग-अलग चुनौती है।
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