
केंद्र सरकार ने बनाए नए नियम, अपने प्रदेश के अपने से छोटे शहर को ही लेना होगा गोद
इंदौर, डा जितेन्द्र जाखेटिया।
प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) को स्वच्छता के लिए इंदौर (Indore) गोद (adopt) नहीं ले सकेगा। केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए नए नियम (new rule) के चलते यह अड़चन आएगी। नियम के अनुसार स्वच्छ लीग में शामिल शहरों को एक शहर गोद तो लेना होगा, लेकिन वह शहर उनके अपने प्रदेश का और उनसे छोटा शहर होना चाहिए।
केंद्र सरकार के संस्कृति सचिव और इंदौर के पूर्व कलेक्टर विवेक अग्रवाल की पहल पर इंदौर नगर निगम की टीम इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में पिछले दिनों वाराणसी पहुंची थी। इस टीम को वाराणसी का दौरा कर वाराणसी को किस तरह से स्वच्छ या दूसरे शब्दों में कहें तो इंदौर के जैसा बनाया जा सकता है, यह देखना था। इसके साथ ही यह चर्चा चल पड़ी कि अब वाराणसी को इंदौर गोद ले लेगा और स्वच्छ शहर के रूप में तब्दील करेगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के परिणाम की घोषणा और अलंकरण के लिए कल नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के एक दिन पहले केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों की स्वच्छ लीग में शामिल शहरों के अधिकारियों के साथ अनौपचारिक बातचीत हुई।
सूत्र ने बताया कि इस बातचीत में केंद्र सरकार के अधिकारियों के द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब यह नियम बनाया जा रहा है कि हर स्वच्छ शहर को एक शहर गोद लेना पड़ेगा। इस नियम में यह प्रावधान भी किया जा रहा है कि जिस शहर को गोद लिया जाएगा, वह शहर आपके ही प्रदेश का होना चाहिए। इसके साथी आबादी के मान से वह शहर आपके शहर से छोटा होना चाहिए। केंद्र सरकार के द्वारा यह जो नियम बनाया जा रहा है इस नियम के तहत इंदौर किसी भी हालत में वाराणसी को गोद नहीं ले सकता है। अब उसे गोद लेने के लिए मध्य प्रदेश के ही किसी छोटे शहर का चुनाव करना होगा।
गोद नहीं लेगा तो व्यावसायिक आधार पर वाराणसी में काम करेगा इंदौर
यदि इंदौर वाराणसी को गोद नहीं ले सका तो भी वह प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को स्वच्छ बनाने के लिए एमओयू कर सकता है। इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। इस कार्ययोजना को यदि केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी जाती है या केंद्र सरकार की ओर से इस कार्ययोजना को राज्य सरकार को भेजा जाता है और उनके द्वारा मंजूरी दी जाती है तो वाराणसी और इंदौर के बीच में एक एमओयू के आधार पर इंदौर द्वारा गोद लिए बगैर ही व्यावसायिक आधार पर वाराणसी को मार्गदर्शन दिया जाएगा।
सात दिन के दौरे पर वाराणसी जाएगी टीम
केंद्र सरकार की ओर से किए गए आग्रह के कारण इंदौर नगर निगम की टीम अब आने वाले दिनों में 7 दिन के लिए वाराणसी के दौरे पर जाएगी। इस दौरे के दौरान यह देखा जाएगा कि वाराणसी को स्वच्छ शहर के रूप में तब्दील करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। अभी इंदौर के अधिकारियों को यह तो स्पष्ट हो गया है कि वाराणसी में सबसे बड़ी समस्या सेग्रिगेशन की है। वहां पर हर स्थान पर केवल एक डस्टबिन रखी होती है और उसी में सारा कचरा डाल दिया जाता है। वहां पर कचरा ट्रांसफर स्टेशन की कमी है और रोड स्वीपिंग मशीन भी बहुत कम है। ऐसे में इन समस्याओं का समाधान किस तरह से हो सकता है इस पर विचार किया जाएगा।
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