
ऐसे परिवार को साइबर ठग टारगेट कर रहे, जिनके बच्चे शहर से बाहर पढ़ रहे हैं
इंदौर। ड्रग्स (drug) केस में तुम्हारा बेटा (Your son) और उसके दोस्त पकड़े गए हैं। पुलिस (Police) उनकी पिटाई कर रही है। उसने तुमसे बात करने का कहा है। पैसे की व्यवस्था कर लो, उसे छोड़ देंगे। डराकर खाते में पैसा जमा करवाकर पुलिस के नाम पर ठगी हो रही है। इस साल ऐसे 17 मामले पुलिस के पास आए हैं, जिनमें लाखों की ठगी हुई है।
पिछले कुछ सालों से साइबर ठग पुलिस बनकर भी लोगों को शिकार बना रहे हैं। जहां वे ऐसे बच्चों के परिवार को टारगेट कर रहे हैं, जिनके बच्चे शहर से बाहर रहते हैं। ये डाटा वे इंटरनेट से लेते हैं और उनको फंसाते हैं। डर के चलते कई अभिभावक उनका शिकार हो रहे हैं। कुछ लोगों को दुष्कर्म के केस में बेटे के पकड़े जाने का फोन कर डराया जा रहा है तो कुछ को ड्रग्स केस का। पिछले साल भी ऐसे 27 मामले क्राइम ब्रांच के पास पहुंचे थे, जिनमें 15 लाख की ठगी हुई थी। इस बार अब तक 6 माह में क्राइम ब्रांच के पास ऐसे 17 मामले पहुंचे हैं, जिनमें 8 लाख से अधिक की ठगी हुई है। एडीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया का कहना है कि ऐसा कोई फोन आता है तो पहले अपने बेटे से संपर्क करें। वह फोन पर उपलब्ध न हो तो उसके कॉलेज में और दोस्तों से बात करें। इसके बाद ही पैसा ट्रांसफर करें। पुलिस किसी को ऑनलाइन पैसा डालने का नहीं कहती है। उनका कहना है कि आमतौर पर अभिभावक पुलिस के डर से बिना बेटे से बात किए पैसा ट्रांसफर कर देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।