
इन्दौर। डिजिटल अरेस्ट से परेशान होकर रात को एक बैंककर्मी के बेटे ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसे डिजिटल अरेस्ट करने वालों ने पहले तो उसके बारे में पूरी जानकारी उसी से ले ली और फिर जब उससे पैसों की मांग की गई तो उन्हें पता चला कि इसके पास कुछ नहीं है। इसके बाद उसे मानसिक रूप से इतना प्रताडि़त कर दिया कि युवक पिछले 20 दिनों से घुट-घुटकर जीने लगा। वह कहीं आता-जाता नहीं था। आखिर रात को उसने यह कदम उठा लिया।
27 वर्षीय अनुराग पिता विनय कुमार निवासी वीणा नगर ने कल रात करीब 10 बजे फांसी लगाकर जान दे दी। उसे अस्पताल लाने वालों ने बताया कि अनुराग के पिता बैंक से रिटायर्ड हैं। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी एक बहन है। अनुराग ने 12वीं तक पढ़ाई की थी। इसके बाद वह नौकरियां सर्च करने लगा। करीब 20 दिन पहले उसने लिंकेड इन नामक नौकरी के ऐप पर लिंक किया था, जिसमें एक फर्जी कंपनी की ओर से उसे नौकरी का ऑफर दिया गया। अनुराग द्वारा बताई गई प्रतिभा को ही फर्जी कंपनी वालों ने इस्तेमाल किया और उसे बरगलाने लगे। उसे कहने लगे कि एआई ऐप से रिलेटेड तुम्हारी प्रतिभा सभी को पसंद आ रही है। कुछ दिनों बाद कहने लगे कि पीएम म्यूचल में तुम्हारा सिलेक्शन हो गया है। होने वाले भारत-पाकिस्तान युद्ध में तुम्हारी मदद ली जाएगी। फिर आने वाले दिनों में कहने लगे कि अब डोनाल्ड ट्रंप को भी तुम्हारा काम पसंद आ गया। अब उनकी टीम में तुम्हारा सिलेक्शन हो गया। डिजिटल अरेस्ट करने वालों ने अनुराग के दिमाग में इतनी बातें भर दी थीं कि वह उनकी बातों को सही मानने लगा और उसी दुनिया में जीने लगा। उसने रिश्तेदारों और परिजनों को भी यह बात बताई थी।
अरेस्ट करने वाले ने अनुराग के बैंक खाते सहित घर के बारे में और अन्य व्यक्तिगत जानकारियां एकत्रित कर लीं। इसके बाद उसके बैंक खाते से रुपए ट्रांसफर करने लगे तो उसका बैंक खाता खाली मिला। फिर वे अनुराग से रुपयों की मांग करने लगे। अनुराग उनकी मांग पूरी नहीं कर पाया तो उसे धमकाने लग गए। उसे कहने लगे कि तुम्हें और तुम्हारे परिवार को मार देंगे, क्योंकि जो खुफिया जानकारी हमने तुझे दी है, वह लीक नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति उससे नाराज हो गए हैं। उसे यह कहकर भी धमकाने लगे कि पहलगाम में हुए हमले का साजिशकर्ता तुझे बना देंगे। तुम्हारे घर के बाहर कैमरे भी लगाए गए हैं। पास में जो कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है वह भी हम करवा रहे हैं। तुम्हारे घर के बाहर से जो गाडिय़ां निकल रही हैं वह भी हमारी हैं। इन गाडिय़ों से तुम्हें वाच कर रहे हैं। अनुराग इसके बाद मानसिक रूप से इतना टूट गया कि उसने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। कल जब घरवालों ने उसे बाहर चलने का कहा तो वह नहीं गया। कल न्यूज चैनलों में भारत-पाकिस्तान को लेकर जो खबरें चल रही थीं उन्हें ही देखता रहा। युद्ध की खबरों को देखकर वह और भी चिंतित हो गया। इसके बाद उसने फांसी लगा ली। मौके से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।
एक वीडियो बनाया था
बताया जा रहा है कि इसी घटना को लेकर अनुराग ने एक वीडियो बनाया और रिश्तेदारों को शेयर किया था। वीडियो में वह इस मामले में कुछ बोल भी रहा है। अब पुलिस इस वीडियो के आधार पर पूरे मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट करने वालों ने सिर्फ बातों में ही उसे बरगलाया। उसे सोशल मीडिया के माध्यम से पीएमओ सहित अमेरिका में होने वाले सिलेक्शन से संबंधित दस्तावेज भी दिखाए। उन फर्जी दस्तावेजों को देखकर अनुराग को यकीन होने लगा कि उसका सही में सिलेक्शन हो चुका है।
यह करना था अनुराग और उसके परिवार को
डिजिटल अरेस्ट को लेकर पुलिस प्रशासन पूरे देश के लोगों को एडवाइजरी जारी कर सूचित कर चुका है। कि ऐसे मामलों से बचें और पुलिस की मदद लें। फिलहाल तो हर मोबाइल की डायल टोन में भी बचाव के मैसेज को सुनाया जा रहा है। ऐसे में अनुराग और उसके परिवार को चाहिए था कि वे पुलिस की मदद लेते। इससे पहले भी शहर में डिजीटल अरेस्ट के कई मामले हो चुके हैं। एक उद्योगपति की बहू से करोड़ो की ठगी के मामले में पुलिस ने 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनसे ठगी की रकम भी बरामद की थी। इसके अलावा भी कई लोग डिजीटल अरेस्ट का शिकार हो चुके हैं, जो पुलिस के पास पहुंचे और पुलिस ने उनकी मदद करते हुए ताबड़तोड़ कार्रवाइयां भी की।
जागरूकता के लिए लगातार अभियान चला रही पुलिस
इंदौर कमिश्नरेट लगाकर ऐसे मामलों से बचने के लिए लगाकर लोगों की जागरूक कर रही है। प्रयास किया जा रहा है कि जागरूकता के मैसेज हर नागरिक तक पहुंचें। पुलिस का जागरूक करने का अभियान जारी रहेगा। ऐसे मामलों में डिजिटल अरेस्ट का शिकार लोग स्थानीय थाने अथवा क्राइम ब्रांच में शिकायत करें। साथ ही जनता से अपील है कि ऐसे मामलों में धैर्य से काम लेकर गलत कदम न उठाएं। – राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच
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