
इन्दौर। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल की 20 मई को इंदौर के ऐतिहासिक स्थल राजवाड़ा पर होने जा रही बैठक में रखने के लिए इंदौर से जुड़ा कोई प्रस्ताव ढूंढने से भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में एक बार फिर इंदौर में होने जा रही कैबिनेट की बैठक में इंदौर के हाथ खाली ही रह जाने के आसार हैं। मंत्रिमंडल की बैठक यदि भोपाल के बाहर किसी स्थान पर विशेष रूप से आयोजित की जाती है तो वहां के विकास से संबंधित किसी विशेष प्रस्ताव को इस बैठक में मंजूरी भी दी जाती है, ताकि यह बैठक उस क्षेत्र के नागरिकों के लिए यादगार और सौगात देने वाली बैठक के रूप में रहे। इस बार लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के जन्मजयंती वर्ष के अवसर पर 20 मई को होलकर घराने के राजमहल राजवाड़ा पर मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल की बैठक का आयोजन किया जा रहा है।
इस बैठक के आयोजन के लिए पूरी सरकारी मशीनरी सक्रिय हो गई है। इस बैठक के मौके पर देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन से संबंधित प्रदर्शनी भी राजवाड़ा पर लगाई जा रही है। इस बैठक में सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या इंदौर से संबंधित कोई प्रस्ताव आ रहा है? इस सवाल का अब तक जो जवाब निकल कर सामने आ रहा है उसके अनुसार इस बैठक में इंदौर के लिए किसी प्रस्ताव को नहीं लिया जा रहा है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के लिए एक पूरी प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में अभी इंदौर से संबंधित कोई प्रस्ताव कैबिनेट में जाने की परिधि में नहीं है। अलबत्ता मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट का प्रस्ताव जरूर लाया जा रहा है, लेकिन यह प्रस्ताव सीधे तौर पर कोई सौगात नहीं है।
उज्जैनी में भी नहीं आया था कोई प्रस्ताव
नर्मदा-शिप्रा नदी के संगम स्थल इंदौर जिले के ग्राम उज्जैनी में 17 फरवरी 2014 को प्रदेश की कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी। यह बैठक तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर आयोजित की गई थी। इस बैठक में उस समय पर बहुत सारे फैसले लिए गए थे। यह एक संयोग है कि उस समय लिए गए फसलों में से एक भी फैसले का इंदौर से कोई वास्ता नहीं था। उस समय पर भी प्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री के पद पर कैलाश विजयवर्गीय ही कार्यरत थे। कैबिनेट की इस बैठक के बाद बैठक में हुई फैसलों की मीडिया को जानकारी विजयवर्गीय द्वारा ही दी गई थी।
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