
इंदौर। एक कप चाय दूध-चीनी का केवल घोल नहीं .. प्रेम का उपहार है… अतिथियों का स्वागत… आगंतुकों का सत्कार है … दोस्तों की महफिल की जान है। आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है। आंकड़ों के मुताबिक इंदौर में रोजाना 12 करोड़ रुपए से अधिक की चाय पी जाती है। इंदौरवासी प्रतिदिन 12 लाख से अधिक कप चाय पीते हैं, जिसकी कीमत 12 करोड़ रुपए होती है। जहां तक चायपत्ती बाजार की बात है तो शहर में चायपत्ती की खपत राज्य में सबसे अधिक है। चाय व्यवसाय से जुड़े रामू जैन ने बताया कि इंदौर राज्य में चायपत्ती का सबसे बड़ा बाजार है।
इंदौर और इसके आसपास के 30 किलोमीटर के दायरे में हर महीने 11 लाख किलोग्राम से अधिक चायपत्ती की खपत होती है। प्रदेशभर में इंदौर से चायपत्ती भेजी जाती है और यहां चायपत्ती का कारोबार 30 करोड़ रुपए प्रतिमाह से अधिक का है। असम और पश्चिम बंगाल से चाय इंदौर बुलवाईं जाती है। कुल खपत में से केवल एक प्रतिशत हिस्सा ग्रीन टी का है, क्योंकि इंदौरी पारंपरिक चाय को प्राथमिकता देते हैं। इंदौर ऐसा शहर है जहां चाय की दीवानगी सबसे ज्यादा देखी जाती है।
हर दिन शहर में करीब 12 लाख कप चाय लोगों के लबों तक पहुंचती है। पिछले तीन से चार वर्षों में स्टार्टअप को गति मिलने से विभिन्न तरह की चाय बनाने वाले नए कैफे भी शहर में आ गए हैं। करीब 10 हजार छोटे-बड़े कैफे में लोग सूरज की पहली किरण से लेकर तारों की छांव तक चाय की चुस्कियां लेते नजर आते हैं। चाय को लेकर इंदौर से शुरू हुए करीब 200 स्टार्टअप के नाम स्टार्टअप इंडिया में रजिस्टर्ड हैं। यहां चाय की दीवानगी देखकर अब तो अन्य राज्यों के कई ब्रांड भी इंदौर में आ चुके हैं।
यहां मिलतीं है इंदौर की प्रसिद्ध चाय, देर रात तक मजमा
इंदौर में मल्हारगंज की टिमटिम चाय, सराफा थाने के सामने केसर की चाय, सुभाष चौक हनुमान मंदिर के पास चाकलेटी चाय, विशाल टी चाय गोराकुंड, सोंठ की चाय नलियां बाखल, खराब चाय राज मोहल्ला, कुल्लड़ चाय टावर चौराहा। इसके अलावा येवले चाय, आंटी काफी, चाय प्वाइंट, चाय सुट्टा बार, चायोस के अलावा अन्य भी लोकप्रिय चाय के ठीये हैंं।
चाय नहीं चाह है यह…
इंदौरियो ंके लिए चाय या नहीं चाह है… यदि किसी से चाय के लिए नहीं पूछा तो यह माना जाता है कि वह उसे नहीं चाहता है… इस शहर के लिए चाय सम्मान का सूचक बन गई है… 80 प्रतिशत से अधिक लोग नाश्ते से पहले या नाश्ते के साथ चाय का सेवन करते हैं, जो घरों में चाय की अधिक खपत के पीछे एक कारण है, वहीं आफिसों, व्यापारी संस्थानों, बाजारों के साथ शहर के प्रमुख ठीयो पर जमकर चाय की खपत होती है। अगले 4-5 वर्षों में रेडी टू ड्रिंक (आर.टी.डी.) चाय की वृद्धि दर लगभग 6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
इंदौर में 12 हजार से अधिक छोटी-बड़ी चाय की दुकानें
शहर में चाय की दुकानों की बात करें तो इनकी संख्या करीब 12 हजार है। चाय की मांग वर्षा और ठंड के समय में अधिक बढ़ जाती है। 56 दुकान, विजय नगर, भंवरकुआं, कपड़ा मार्केट, सियागज, राजबाड़ा और रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में सबसे ज्यादा चाय की ब्रिकी होती है। इंदौर की पुरानी दुकानें 50 वर्षों से इंदौरियों को चाय परोसे रही हैं।
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