
नई दिल्ली। सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) के लिए पाकिस्तान (Pakistan) गिड़गिड़ा रहा है। उसने इसको लेकर भारत (India) से गुहार लगाई है। लेकिन भारत (India) सिंधु जल समझौता ((Indus Water Treaty)) पर नरमी के मूड में नहीं है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की तरफ से इसके लिए पहले भी कोशिशें की जा चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से पहले ही पाकिस्तान के जल संसाधान सचिव सैयद अली मुर्तजा ने संधि खत्म किए जाने संबंधी कैबिनेट के फैसले पर जवाब दिया था। उन्होंने उन प्रावधानों पर चर्चा की बात भी कही थी, जिन पर भारत को आपत्ति है। साथ ही मई में बातचीत की तारीख रखने का भी सुझाव दिया था। अब पाकिस्तान ने दोबारा केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को लिखकर बातचीत शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से ऐसे दो पत्र मिल चुके हैं।
वहीं, सिंधु जल समझौते को लेकर भारत का रुख अभी भी सख्त है। जानकारी के मुताबिक यह समझौता फिलहाल रद्द ही रहेगा। बताया जाता है कि पाकिस्तान से आए पत्रों को विदेश मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। पाकिस्तान की तरफ से की जा रही यह कोशिशें दिखाती हैं कि उसकी अकड़ टूट रही है। असल में जनवरी 2024 और सितंबर 2024 में भारत ने दो बार आईडब्यूटी के रिव्यू और संसोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस भेजे थे। पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था। फिर 22 अप्रैल को पहलगाम हमला होता है। इसके बाद भारत ने तत्काल प्रभाव से सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया। तभी से पाकिस्तान लगातार भारत से बातचीत की कोशिश में जुट गया है।
भारत के राज्यों में बंटेगा सिंधु नदी का पानी
इन सबके बीच भारत ने सिंधु नदी के पानी को नहर के जरिए विभिन्न राज्यों तक पहुंचाने की योजना बनाई है। पहले चरण में 130 किमी की नहर बनेगी, जिससे राजस्थान के श्रीगंगानगर तक पानी पहुंचेगा। वहीं, दूसरे चरण में 70 किमी की नहर से यमुना नदी तक पानी लाया जाएगा। यह पानी पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के बीच बंटेगा। हालांकि प्रोजेक्ट की समय सीमा तीन साल है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इसे दो साल में ही पूरा किया जा सकता है। वहीं, पानी का बंटवारा अगले ढाई साल में शुरू हो जाएगा।
बर्बाद हो जाएगी पाकिस्तान में खेती
ऐसा बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ पानी रोकने से उनकी रबी की फसल के लिए मुश्किल खड़ी होगी। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बताया कि अगर अगले एक महीने तक पाकिस्तान में पानी नहीं पहुंचा तो उनकी रबी की फसल खत्म हो जाएगी। इसके अलावा पीने के पानी का संकट भी पैदा होगा। हालांकि पाकिस्तान की खरीफ की फसल पर बहुत असर पड़ने की आशंका नहीं है। इसके पीछे वजह यह है कि इस दौरान मॉनसून के पानी से उनकी जरूरतें पूरी हो सकती हैं।
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