
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि उद्योग जगत प्रौद्योगिकी के मामले में अगुवा बने। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार चीजें सुगम बनाएगी। उन्होंने सॉफ्टवेयर उद्योग का उदाहरण देते हुए कहा कि क्षेत्र ने अपने दम पर शुरुआत की और सरकार बाद में आई।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सदस्यों के साथ बजट के बाद बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग को अपनी क्षमता को लेकर खुद को देखना चाहिए। फिर उन बिंदुओं के साथ आना चाहिए, जिन पर वह चाहता है कि सरकार सुविधा प्रदान करे। उन्होंने कहा कि कैसे देश में सॉफ्टवेयर उद्योग ने काम शुरू किया? क्या उन्होंने सरकर का इंतजार किया…नहीं। वे आगे बढ़ते रहे। ऐसे में सरकार भी आगे बढ़ी और उनके लिए अनुकूल नीतियां लेकर आई।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में आएं आगे
सीतारमण ने कहा, मैं चाहती हूं कि नवीकरणीय ऊर्जा के साथ दुर्लभ धातु के क्षेत्र में उद्योग आगे आएं। इस क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही उन्होंने उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि सरकार विभिन्न मुद्दों पर उनकी ओर से दिए गए सुझावों पर सक्रियता के साथ विचार करेगी।
पूंजीगत खर्च पर रखेंगे नियमित रूप से नजर
पूंजीगत खर्च पर वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने एवं रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पूंजीगत खर्च को बढ़ाया गया है। सरकार इस पर नियमित आधार पर नजर रखेगी। राज्य भी बुनियादी ढांचा विकास को लेकर कोष का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्यों को 2023-24 में 1.3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह चालू वित्त वर्ष की तुलना में 30 फीसदी अधिक है। राज्यों को जो भी राशि आवंटित की गई है, उसमें से ज्यादातर बिना शर्त वाली हैं।
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