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आम लोगों को फिर सताने लगी महंगाई, एक साल में 65% तक बढ़े जरूरी चीजों के दाम

June 22, 2024

नई दिल्ली (New Delhi)। भीषण गर्मी (Extreme heat.) के बीच महंगाई (Inflation) एक बार फिर आम लोगों को सताने लगी है। पिछले एक साल में जरूरी वस्तुओं के दाम (Prices of essential commodities) 65 फीसदी तक बढ़ (increased by 65 percent) चुके हैं। सब्जियों (Vegetables) की कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि अधिकतर रसोई घरों ( kitchens) से अब ये गायब होने लगी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें सबसे अधिक बढ़ी हैं। इनके अलावा, चावल, दाल और खाने-पीने की अन्य वस्तुएं भी महंगी हुई हैं।


उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर उलपब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 21 जून को चावल की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। मूंग दाल की कीमत 109 रुपये से 10 फीसदी बढ़कर 119 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। मसूर दाल 92 रुपये से बढ़कर 94 रुपये और चीनी का भाव 43 रुपये से बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। दूध भी 58 रुपये से बढ़कर 59 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। हालांकि, इस दौरान खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है। मूंगफली तेल का दाम करीब-करीब स्थिर है। सरसों तेल का भाव 142 रुपये से घटकर 139 रुपये लीटर, सोया तेल 132 से घटकर 124 रुपये लीटर रह गया है। पाम तेल की कीमत 106 से गिरकर 100 रुपये पर आ गई है। चाय की कीमत भी 274 रुपये से मामूली बढ़कर 280 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है।

आसमान पर पहुंचे सब्जियों के दाम
खुदरा बाजारों के आंकड़ों से पता चलता है कि सब्जियों की कीमतों भी आसमान पर हैं। फूलगोभी 80 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है। परवल भी खुदरा बाजारों में 60 रुपये प्रति किलोग्राम है। लौकी भी इस समय 60 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रही है।

खाद्य कीमतों के कारण खुदरा महंगाई घटने की रफ्तार सुस्त
खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने से कुल खुदरा महंगाई घटने की रफ्तार सुस्ती है। शुक्रवार को जारी एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) मिनट्स के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस माह की शुरुआत में एमपीसी बैठक में कहा था, मुख्य खुदरा महंगाई घट रही है, लेकिन इसकी गति धीमी है और मुद्रास्फीति में गिरावट का अंतिम चरण धीरे-धीरे लंबा खिंचता जा रहा है। हालांकि, सामान्य मानसून ही मूल्य दबाव को कम कर सकता है।

अगस्त से घट सकते हैं दाम
मानसून उम्मीद के मुताबिक रहता है तो अगस्त से सब्जियां सस्ती हो सकती हैं। हालांकि, कम आपूर्ति से दूध, अनाज और दालों की कीमतें ऊंची बनी रहने की आशंका है। अगले सीजन में उत्पादन घटने से चीनी की कीमतें भी ऊंची बनी रह सकती है।

इन वस्तुओं की ज्यादा बढ़ी कीमत
वस्तु                               पहले                      अब
अरहर दाल                      128                      161
उड़द दाल                        112                        127
आलू                               22                         32
प्याज                              23                        38
टमाटर                            32                        48

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