
इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर को विकास का बूस्टर डोज देने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस काम को अंजाम देने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। इंदौर विकास प्राधिकरण को अगले 48 घंटे में बीआरटीएस कॉरिडोर के चौराहों पर फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए कहा गया है। पिछले वर्ष में शहर को इंदौर विकास प्राधिकरण के माध्यम से फूटी कोठी चौराहा, भंवरकुआं चौराहा, खजराना गणेश मंदिर चौराहा और लवकुश चौराहा पर फ्लाईओवर ब्रिज की सौगात मिली थी। एक ही साल में एक साथ चार फ्लाईओवर ब्रिज का लोकार्पण हो जाने से इन ब्रिज वाले चौराहों पर यातायात बहुत ज्यादा सुगम हो गया है। अब वहां पर गाडिय़ों का जाम नहीं लगता है। जब से बीआरटीएस के कॉरिडोर को तोडऩे का फैसला हुआ है, तब से इस बात पर चिंतन चल रहा है कि इस कॉरिडोर के प्रमुख चौराहों पर यातायात को सुगम कैसे बनाया जाए? इसके लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने पहले से ही इंदौर विकास प्राधिकरण को प्लानिंग करने के लिए कह दिया था।
डेढ़ महीने पहले प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामप्रकाश अहिरवार द्वारा कंसल्टेंट के माध्यम से अब तक सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट का प्रजेंटेशन दिया गया था। इस प्रजेंटेशन को देखने के बाद कलेक्टर द्वारा उसमें बहुत सारे सुधार और परिवर्तन करने के लिए निर्देश दिया गया था। यह कार्य अब तक सामान्य गति से चल रहा था। कल सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा कलेक्टर कार्यालय में अंतरविभागीय टाइम लिमिट मीटिंग ली गई।
हर सोमवार को ली जाने वाली इस मीटिंग में समयसीमा में जो कार्य किया जाना है उस पर चर्चा की जाती है। बैठक में कलेक्टर द्वारा प्राधिकरण के सीईओ अहिरवार को कहा गया कि अगले 48 घंटे में बीआरटीएस कॉरिडोर पर कौन से चौराहे पर फ्लाईओवर ब्रिज बनाना है और कौन से चौराहे पर अंडरपास बनाना है, इसके प्रस्ताव तैयार कर उसे अंतिम रूप दे देें। प्राधिकरण को समयसीमा के साथ दी गई इस चेतावनी के साथ ही यह संकेत स्पष्ट हो गए हैं कि जल्द ही इंदौर को विकास का बूस्टर डोज देने की तैयारी शुरू हो गई है। पिछले दिनों राजबाड़ा में हुई कैबिनेट की मीटिंग के समय पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर आए थे। ऐसा समझा जाता है कि उस समय शहर के विकास को और अधिक ऊंचाई देने के लिए कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री से भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री चूंकि इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं, ऐसे में विकास का कोई भी बड़ा प्रस्ताव उनकी सहमति से ही तैयार किया जा सकता है। अब कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद प्राधिकरण में तेज गति से बीआरटीएस कॉरिडोर के चौराहे के यातायात को व्यवस्थित करने के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो गया है।
यह आई थी रिपोर्ट
गत 5 अप्रैल को प्राधिकरण द्वारा कलेक्टर आशीष सिंह के समक्ष जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी उसके अनुसार एमआर-9, एलआईजी, इंडस्ट्री हाउस, गीता भवन व जीपीओ चौराहा पर फ्लाईओवर ब्रिज बनाने की अनुशंसा की गई थी। इसके साथ ही शिवाजी वाटिका चौराहा और नौलखा चौराहा पर फ्लाईओवर ब्रिज के साथ अंडरपास भी बनाने की अनुशंसा की गई थी। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 692 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया था।
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