नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) (8 मार्च) से पहले केंद्र सरकार ने पंचायती राज (Panchayati Raj) संस्थानों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने और उनके निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ के तहत मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में 1,200 से अधिक महिला पंचायत नेताओं की उपस्थिति में इस पहल की शुरुआत की गई। इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय द्वारा एक महत्वपूर्ण प्राइमर भी जारी किया गया, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए कानूनों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
विज्ञान भवन में हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और पंचायती राज राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने सरपंच पति, मुखिया पति और प्रधान पति के नाम पर महिलाओं की भूमिका को छीनने की कड़ी आलोचना की। वहीं, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे ने महिलाओं से आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व करने का आह्वान किया। बता दें कि रक्षा निखिल खडसे ने खुद महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत की सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
महिला नेताओं को कानूनी जानकारी से सशक्त बनाने पर जोर
अभियान के तहत जारी प्राइमर महिला प्रतिनिधियों को कानूनी अधिकारों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। इसमें घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, बाल शोषण, बाल विवाह, लिंग आधारित भ्रूण हत्या, मानव तस्करी और साइबर अपराध जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर स्टॉकिंग, छवि आधारित दुर्व्यवहार, पहचान की चोरी और हैकिंग जैसे डिजिटल अपराधों पर भी प्रकाश डाला गया है। यह पहल पंचायत स्तर पर महिलाओं की प्रभावी भागीदारी को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके तहत महिलाओं को न केवल कानूनी सशक्तिकरण मिलेगा, बल्कि वे अपने गांवों में लैंगिक समानता और महिला अधिकारों की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी।
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