
डेस्क: पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की ओर से बड़ा ऐक्शन लिया गया है. पूरे जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत के कई गुटों और जमात ए इस्लामी के समर्थकों के यहां छापेमारी की गई. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद हुई इन छापेमारी में बड़ी संख्या में देश विरोधी चीजें बरामद हई हैं.
ये साफतौर पर इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि प्रतिबंधित होने के बावजूद भी इन संगठनों ने पहलगाम हमलावरों के लिए ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क तैयार करने में मदद की थी. कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, अनंतनाग, त्राल, पुलवामा, सोपोर, बारामूला, बांदीपोरा में करीब 100 ऐसे इन संगठनों के लोगों के यहां छापेमारी की गई है. इनके कॉल रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि इन प्रतिबंधित संगठनों के कुछ लोगों का ओवरग्राउंड वर्करों से लगातार संपर्क था.
आतंकी फारुक ने ओवरग्राउंड वर्करों के नेटवर्क तैयार किया. इसी नेटवर्क की मदद से उसने पहलगाम हमले के पहले कई दूसरे आतंकी हमले को भी अंजाम दिया. इसने पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ के लिए तीन सेक्टर चुने थे. ये वहीं से घुसपैठ कराता था. जैसे कि जम्मू कश्मीर के ज्यादातर रास्ते पहाड़ी हैं. ऐसे में आतंकी फारुख ने पहाड़ी रास्तों की भी अच्छी जानकारी ले रखी है, जिसका इस्तेमाल वो आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए करता है.
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