
भोपाल! राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया रोग प्रबंधन (sickle cell anemia disease management) के लिए सिकल सेल वाहक और रोगियों की संख्या प्राप्त किया जाना प्राथमिक आवश्यकता है। कार्य की गति और व्यापकता के लिए स्क्रीनिंग कार्य में आशा कार्यकर्ताओं (ASHA workers) को प्रशिक्षित कर जोड़ा जाये। आँगनबाड़ी, स्कूल, छात्रावास और महाविद्यालयों के स्क्रीनिंग शिविर में मिलने वाले सिकल सेल वाहक अथवा रोगी के परिजन की जाँच कराई जाये। राज्यपाल श्री पटेल मध्यप्रदेश राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की राजभवन में समीक्षा कर रहे थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया प्रबंधन मानवता की सेवा का कार्य है। इससे जुड़े हर व्यक्ति को व्यक्तिगत जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए। दिल, दिमाग लगाकर की गई सेवा के परिणाम सदैव सुखद और आनंददायी होते हैं। उन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशीलता के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि शेरों की मृत्यु की सूचना पर वे स्वयं तत्काल घटना स्थल पर समीक्षा के लिये पहुँच गये थे। राज्यपाल ने अधिकारियों से इसी संवेदनशीलता के साथ कार्य की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि कार्य का लक्ष्य सदैव बड़ा रखना चाहिए। इससे कार्य में गति आती है। परिणाम बेहतर प्राप्त होते हैं। उन्होंने सिकल सेल एनीमिया के उपचार प्रयासों में आयुर्वेद और अन्य पारम्परिक चिकित्सा प्रणालियों को शामिल किए जाने के संबंध में पहल की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में जन-मानस के लिए गिलोय की औषधीय उपयोगिता से पहचान हुई है। आयुर्वेद में ऐसी अनेक जड़ी-बूटियाँ और उनके जानकार हैं। आवश्यकता उनके संबंध में प्रामाणिकता के साथ जानकारी संकलित किए जाने की है।
राज्यपाल श्री पटेल ने मिशन में रोग, रोकथाम और प्रबंधन संबंधी व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि जिला स्तर पर सिकल सेल एनीमिया जाँच और उपचार संबंधी संस्थागत व्यवस्थाएँ हैं। स्क्रीनिंग के लिए गाँव में चौपाल लगाकर जन-जागृति के बाद स्क्रीनिंग शिविर लगाया जाता है। मिशन द्वारा द्वितीय चरण में स्क्रीनिंग कार्य के लिए रोग की व्यापकता के आधार पर प्रदेश के 14 जिला के लिये कार्य-योजना तैयार की गई है। द्वितीय चरण में धार, बड़वानी, छिंदवाड़ा, खरगोन, बैतूल, मंडला, शहडोल, डिंडौरी, सिंगरोली, जबलपुर, अनूपपुर, सीधी, खंडवा और उमरिया जिलों को शामिल किया जाएगा। कार्य-योजना में प्रचार-प्रसार एवं बीमारी के संबंध में जागरूकता, स्वास्थ्य अमले को सिकल सेल एनीमिया के संबंध में स्क्रीनिंग एवं उपचार प्रबंधन का प्रशिक्षण, गर्भवती माताओं तथा 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग एवं पुष्टीकरण जाँच, सिकल सेल एनीमिया पोर्टल में डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की एंट्री, जेनेटिक कॉउंसलिंग तथा व्यवहार परिवर्तन की गतिविधि, जेनेटिक कार्ड का वितरण, रोगियों का उपचार और आवश्यकता होने पर सुरक्षित रक्ताधान एवं प्रबंधन आदि के कार्य किए जाएंगे।
अध्यक्ष जनजातीय प्रकोष्ठ श्री दीपक खांडेकर, जन-अभियान परिषद के महानिदेशक श्री बी.आर. नायडू, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव आयुष श्री प्रतीक हजेला, सचिव स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े, सचिव जनजातीय प्रकोष्ठ श्री बी.एस. जामोद, प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुश्री प्रियंका दास, इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च जबलपुर, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य एवं संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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