
तेहरान: इजरायल (Israeli) के साथ युद्ध विराम (Ceasefire) होने के बाद भी ईरान (Iran) हर मोड़ पर चौकन्ना होकर चल रहा है. उसने युद्ध (War) के बाद अपनी नीतियों में बदलाव किया है. चाहे वो अफगानी नागरिकों (Citizens) को जासूसी के शक में बाहर का रास्ता दिखाना हो या फिर अमेरिका के नेविगेशन सिस्टम पर संदेह करना हो. अब उसने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे अमेरिका को मिर्ची लग जाएगा और चीन खुश हो जाएगा. दरअसल अब ईरान के निशाने पर अमेरिका का नेविगेशन सिस्टम है, जिसे वो अपने सिस्टम से आउट करना चाहता है.
अमेरिका-इजरायल हमलों के बाद ईरान ने पश्चिमी तकनीकी प्रभुत्व को चुनौती देते हुए चीन के BeiDou नेविगेशन सिस्टम को अपनाने का बड़ा फैसला किया है. जून 2025 में हुए 12 दिन के संघर्ष के दौरान GPS सिग्नल्स में लगातार रुकावटें ईरान के लिए गंभीर चिंता का विषय बनीं. ईरानी संचार उपमंत्री एहसान चितसाज ने इस बात को उठाते हुए कहा कि हम दूसरे विकल्प की ओर जा रहे हैं.
ईरानी संचार मंत्री ने ये भी कहा है कि GPS में आने वाली दिक्कतों ने हमें BeiDou जैसे वैकल्पिक नेविगेशन सिस्टम की ओर मोड़ा. सरकार ने अपने परिवहन, कृषि और इंटरनेट नेटवर्क को BeiDou सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई है, जो बड़ा कदम है. जून में अमेरिका और इजरायल के ड्रोन और सटीक हमलों ने ईरान की सुरक्षा कमजोरियों को उजागर कर दिया. परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाने के साथ-साथ टेलीकॉम नेटवर्क में संभावित घुसपैठ की आशंका भी बढ़ी. यही वजह है कि अब ईरान सतर्क हो गया है.
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