
नई दिल्ली । ईरान(Iran) ने इजरायल (israeli)के साथ युद्ध के दौरान अभेद्य मानी जानी वाले उसके मिसाइल डिफेंस सिस्टिम(missile defense system) में छेद कर दिया था। इससे सीख लेते हुए इजरायल ने अपनी बहु-स्तरीय रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है और एरो 4 को तैनात करने का फैसला किया है। एरो 4 को इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) और अमेरिकी मिसाइल डिफेंस एजेंसी के संयुक्त सहयोग तैयार किया गया है।
हाइपरसोनिक मिसाइलें छह हजार किमी/घंटा से अधिक रफ्तार से टारगेट की ओर बढ़ती हैं और हवा में दिशा बदल सकती हैं। ये कम ऊंचाई पर उड़ती हैं, जिससे पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियां इन्हें रोक नहीं पाती हैं। पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलें सीधी दिशा में चलती हैं, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलों की दिशा का अनुमान लगाना कठिन होता है। ईरान का दावा है कि उसकी फतह 1 हाइपरसोनिक मिसाइल है। हाल के युद्ध में ईरानी मिसाइलें इजरायल के शहरों तक पहुंच गई थीं। माना जा रहा है कि यह वजह है कि इजरायल ने एरो 4 की तैनाती का फैसला किया है।
IAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोआज लेवी ने पुष्टि करते हुए कहा कि एरो 4 अब अपने संचालन की दिशा में आगे बढ़ चुका है और इसकी अगली पीढ़ी पर भी कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली इजरायल की मौजूदा रक्षा कवच को नए खतरे जैसे कि हाइपरसोनिक मिसाइलों और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले बैलिस्टिक हथियारों से सुरक्षा प्रदान करेगी।
क्या है Arrow 4?
Arrow 4, इजरायल की Arrow मिसाइल डिफेंस श्रृंखला का नवीनतम संस्करण है, जिसे मौजूदा Arrow 2 और Arrow 3 प्रणालियों के पूरक और प्रतिस्थापन के तौर पर तैयार किया गया है। यह प्रणाली खासतौर पर ऐसे मिसाइल हमलों को निष्क्रिय करने में सक्षम है जो तेज गति से कम ऊंचाई पर दिशा बदलते हुए लक्ष्य पर हमला करते हैं — जैसे कि रूस की Avangard और चीन की DF-ZF हाइपरसोनिक मिसाइलें।
चीन की DF-ZF और रूस की अवनगार्ड जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें मैक 5 (6174 किमी/घंटा) से भी तेज गति से चलती हैं। ये मिसाइलें हवा में दिशा बदल सकती हैं। ये नीचे उड़ती हैं, जिससे पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों द्वारा इनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलें सीधी दिशा में चलती हैं, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलों के बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है।
क्या हैं इनकी तकनीकी खूबियां
नया वॉरहेड और उन्नत लक्ष्य भेदी तकनीक (सीकर टेक्नोलॉजी)
“शूट-लुक-शूट” क्षमता: यानी पहला हमला करने के बाद भी यदि लक्ष्य बच जाए, तो दूसरा हमला तुरंत संभव
बेहतर गतिशीलता और मध्य मार्ग सुधार क्षमता
Green Pine रडार के साथ तालमेल, जो 3 किमी/सेकंड की गति से उड़ती मिसाइलों को ट्रैक कर सकता है
IAI का कहना है कि यह प्रणाली इजरायल के नागरिकों को आधुनिक युद्ध की नई चुनौतियों से बचाने के लिए बेहद आवश्यक है। साथ ही, यह प्रणाली राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग को भी मजबूत बनाएगी।
जर्मनी ने पहले ही Arrow 3 प्रणाली को यूरोपीय स्काई शील्ड इनिशिएटिव के तहत खरीदा है और अब वह Arrow 4 को अपने मिसाइल डिफेंस नेटवर्क में शामिल करने पर विचार कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली बहु-राष्ट्रीय गठबंधनों के लिए भी उपयुक्त है क्योंकि यह मॉड्यूलर है और अन्य रक्षा प्रणालियों के साथ आसानी से काम कर सकती है।
Arrow 5 पर भी काम जारी
IAI द्वारा बताया गया है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए Arrow 5 प्रणाली पर भी काम जारी है, जो Arrow 3 की जगह लेगी और अत्यंत परिष्कृत खतरों से निपटेगी।
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