
वियना। अमेरिका (America) के साथ चल रही परमाणु वार्ता के दौरान ईरान (Iran) के बारे में चौंकाने वाली खबर सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की एक गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने के लिए संवर्धित यूरेनियम का भंडार और बढ़ा लिया है। इस रिपोर्ट में तेहरान से तुरंत अपना परमाणु इरादा बदलने और एजेंसी की जांच में पूरी तरह सहयोग करने की अपील की गई है। आईएईए की इस रिपोर्ट ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है जब तेहरान और वॉशिंगटन के बीच एक संभावित परमाणु समझौते को लेकर कई दौर की बातचीत चल रही है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। वियना स्थित IAEA द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट को एसोसिएटेड प्रेस ने देखा है। इसमें बताया गया है कि 17 मई तक ईरान ने 60 प्रतिशत तक संवर्धित 408.6 किलोग्राम यूरेनियम जमा कर लिया है, जो कि हथियार बनाने योग्य स्तर (90%) से महज एक तकनीकी कदम दूर है। यह रिपोर्ट दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा सकती है।
ईरान तेजी से अपने यूरेनियम संवर्धन को बढ़ा रहा है। इससे पहले फरवरी में जारी पिछली रिपोर्ट में यह मात्रा 274.8 किलोग्राम बताई गई थी, यानी इस बार 133.8 किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है। IAEA प्रमुख राफाएल मारियानो ग्रोसी ने बार-बार यह चेतावनी दी है कि “ईरान ही एकमात्र ऐसा गैर-परमाणु हथियार संपन्न देश है जो इस स्तर तक यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है।” शनिवार को ग्रोसी ने एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि “IAEA के साथ पूर्ण और प्रभावी सहयोग करने के लिए ईरान से मेरा तत्काल आग्रह है।” इस बीच, गुरुवार को ईरानी अधिकारियों ने अमेरिका के साथ किसी भी तात्कालिक परमाणु समझौते की अटकलों को खारिज कर दिया। आईएईए ईरान को बार-बार चेतावनी इसलिए दे रहा है कि तेहरान के परमाणु संपन्न होने से मिडिल ईस्ट में तनाव युद्ध और तनाव की आशंकाएं और प्रबल हो जाएंगी।
ईरानी अधिकारियों ने कहा कि “कोई भी समझौता तब तक स्वीकार्य नहीं होगा जब तक तेहरान पर से सभी प्रतिबंध पूरी तरह नहीं हटाए जाते और देश के परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाती।” ईरान की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब एक दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से ईरान पर हमला करने से फिलहाल रुकने को कहा है, ताकि अमेरिका को तेहरान के साथ नए परमाणु समझौते की कोशिश के लिए समय मिल सके।
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