
नई दिल्ली । ईरान और इजरायल (Iran and Israel)के बीच जंग विकराल रूप लेता जा रहा है। युद्ध के सातवें दिन ईरान(Iran) ने इजरायल(israeli) पर बड़ा हमला(Major attack) बोला है। इसके लिए ईरान ने अपने सबसे खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल सेजिल-2 का इस्तेमाल किया है। इस मिसाइल का इस्तेमाल कर ईरान ने दक्षिणी इजरायल के शहर बीरशेबा में सोरोका अस्पताल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। हमले में ईरान ने दो अन्य मिसाइलों की मदद से इजरायली राजधानी तेल अवीव के पास कम से कम दो साइटों पर एक ऊंची इमारत और कई अन्य रिहायशी बिल्डिंग को निशाना बनाया है।
दूसरी ओर इजरायल ने इस्लामिक गणराज्य के अराक परमाणु रिएक्टर और अन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, जिसमें नतांज के पास एक परमाणु हथियार विकास सुविधा केंद्र भी शामिल है। इस बीच, भारत में ईरान के दूतावास ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ की बारहवीं लहर सेजिल मिसाइलों के प्रक्षेपण के साथ शुरू हुई है, जो ईरान के सबसे सटीक और शक्तिशाली रणनीतिक हथियारों में से एक हैं। वे महत्वपूर्ण दुश्मन लक्ष्यों को भेदने और नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।”
क्या हैं सेजिल-2 मिसाइल
यह ईरान का स्वदेशी हथियार है, यह एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है। ईरानी दूतावास के अनुसार, सेजिल बहुत भारी, लंबी दूरी की, दो-चरणों वाली मिसाइल है, जो ठोस ईंधन से संचालित होती है। यह 2000 से 2500 किलोमीटर तक लंबी दूरी के टारगेट साधने में सक्षम है। ठोस ईंधन से संचालित होने के कारण इसे तेजी से लॉन्च करने के लिए तैयारी किया जा सकता है। इससे दुश्मन को बचने का समय नहीं मिल पाता है और जवाबी हमला करने में मुश्किल हो सकती है। ईरान के पीपुल्स मोजाहिदीन संगठन (PMOI/MEK) द्वारा ईरान के अंदर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, “सेजिल 2” मिसाइल परमाणु वारहेड ले जा सकती है। इस मिसाइल की रेंज शाहब- 3 से अधिक है और 2500 किलोमीटर तक टारगेट साध सकती है।
सेजिल की क्या खासियत?
CSIS के अनुसार, सेजिल की लंबाई 18 मीटर, व्यास 1.25 मीटर और लॉन्च वजन 23,600 किलोग्राम है। यह लगभग 700 किलोग्राम का पेलोड ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल का पहली बार 2008 में परीक्षण किया गया था। 2012 के बाद से इसका परीक्षण नहीं किया गया है। हालांकि, तेहरान ने सेजिल प्रणाली के कई मिसाइल वैरिएंट विकसित किए हैं। 2009 में, इसने सेजिल-2 के रूप में एक नए किस्म की मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसे ईरान ब्रह्मास्त्र समझ रहा है। एक अपुष्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने “सेजिल 3” मिसाइल की भी विकास किया है। ईरान ने पहली बार इजरायल के खिलाफ इस मिसाइल को उतारा है।
अमेरिका क्यों चिंतित?
सेजिल-2 मिसाइल की 2,000 किलोमीटर की रेंज का मतलब है कि यह पूरे मध्य पूर्व, जिसमें इजरायल भी शामिल है, में निशाना साधने में सक्षम है। इसके अलावा सेजिल मिसाइल ईरान से सीधे यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में लक्ष्यों तक भी पहुंच सकती है। चूंकि, मध्य-पूर्व में अमेरिका के अधिकांश सैन्य अड्डे तेहरान से 2000 किलोमीटर की परिधि में स्थित हैं, इसलिए अमेरिका को इस बात की आशंका गहरा रही है कि अगर वॉशिंगटन ईरान के खिलाफ जंग में कूदा तो तेहरान इराक, सीरिया और अरब देशों में स्थित उनके सैन्य अड्डों को सेजिल-2 मिसाइल से निशाना बना सकता है। इसके अलावा अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के बेस को भी निशाना बनाया जा सकता है।
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