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ईरान-इजरायल युद्ध : तेल डिपो, गैस रिफाइनरी और न्यूक्लियर प्लांट पर रातभर मिसाइलों से हमला

June 15, 2025

नई दिल्ली. इजरायल (Israel) और ईरान (Iran) ने मिसाइलों (missiles) से एक-दूसरे के इलाकों को पाटकर रख दिया है. रात से दोनों ओर से लगातार हवाई हमले (Air strikes) जारी हैं. इजरायल ने ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाने का दावा किया है. ईरान के कई बड़े ऑयल डिपो और गैस रिफाइनरी पर मिसाइलें दागी गई हैं.



इजरायल और ईरान में सुबह सायरन की आवाजों से हुई. यरुशलम और तेल अवीव जैसे बड़े शहरों में लगातार सायरन बज रहे हैं. ईरान की ओर से लगातार तेल अवीव को निशाना बनाकर हमला किया जा रहा है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले और तेज करने की बात कही है. ईरान की राजधानी तेहरान में रविवार रात को एक रिहायशी गगनचुंबी इमारत पर इजरायली हमले में 29 बच्चों सहित 60 लोगों की मौत हो गई है.

इजरायल की नजर ईरान के सभी न्यूक्लियर इकाइयों को पूरी तरह से तबाह करने पर है. ईरान में पांच बड़े न्यूक्लियर प्लांट हैं. जिनमें फोर्दो से लेकर खोनडाब, नतांज, इस्फहान और बुशहेर है.

इजरायल पूरी प्लानिंग के साथ ईरान की रीढ़ की हड्डी पर वार कर रहा है. सबसे पहले ईरान के कई न्यूक्लियर संयंत्रों पर हमला करने के बाद अब उसने ईरान के तेल डिपो और गैस रिफाइनरियों को निशाना बना रहा है. राजधानी तेहरान के पास शाहरान ऑयल डिपो को निशाना बनाया है. इससे पहले बुशहर शहर के पास एक गैस फील्ड और अबादान में ऑयल रिफाइनरी पर भी अटैक किया गया. ईरान के एक पोर्ट पर भी अटैक की खबरें हैं.

इजरायल ने ईरान के बुशहर में फज्र गैस रिफाइनरी पर हमला किया है. इसे दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडार में गिना जाता है. इस रिफाइनरी से रोजाना 125 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस प्रोसेस होती है.

बीते 48 घंटों में ईरान पर इजरायल के हमलों में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें नौ के आसपास न्यूक्लियर वैज्ञानिक और कई बड़े ईरानी कमांडर्स भी शामिल हैं. घायलों की तादाद भी 300 से ज्यादा बताई जा रही है. ईरान ने इजरायल के ताबड़तोड़ हमलों को देखते हुए कई राज्यों में अपने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है.

इजरायल के हमलों के जवाब में ईरान भी लगातार पलटवार कर रहा है. ईरान ने इजरायल पर 150 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं जिनमें अब तक पांच लोगों की मौत की खबर है और 100 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. वहीं, ईरान ने इजरायल के कई F-35 विमान गिराने का भी दावा किया है. लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.

ईरान के निशाने पर इजरायल का तेल अवीव और हाइफा शहर
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई ने दो टूक कहा है कि इस जंग को शुरू तो इजरायल ने किया है लेकिन अब वह इससे बाहर नहीं निकल सकता. अब इजरायल के लिए जहन्नुम के दरवाजे खोले जाएंगे.

खामेनेई के इस बयान के बाद ईरान ने इजरायल पर हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल की राजधानी तेल अवीव की कई तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें ईरानी हमलों की वजह से भारी तबाही नजर आ रही है.

ईरान ने तेल अवीव ही नहीं इजरायल के हाइफा शहर पर भी ताबड़तोड़ हमले किए हैं. यहां कई इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो गई है. ईरान ने ये भी दावा किया कि उन्होंने इजरायल के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाकर हमला किया है.

मिडिल ईस्ट के इन दो देशों के बीच युद्ध के खतरे को देख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि इजरायल के हमले और भी बदतर होते जाएंगे.उन्होंने कहा कि ईरान को परमाणु समझौता करना ही होगा, इससे पहले कि कुछ भी न बचे.

इजरायल और ईरान के बीच ठनी कैसे?
इजरायल और ईरान मिडिल ईस्ट के दो देश हैं. मौजूदा समय में दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं लेकिन कभी ऐसा समय भी था जब दोनों के संबंध अच्छे थे. 14 मई 1948 को इजरायल की स्थापना के बाद 1950 में ईरान ने उसे राष्ट्र के तौर पर मान्यता भी दी थी.

साल 1953 में ईरान में तख्तापलट के बाद दोबारा शाह का शासन शुरू हुआ. मोहम्मद रजा शाह पहलवी के शासन में ईरान और इजरायल के बीच खूब दोस्ती रही. नए-नए बने इजरायल को ईरान ने खूब तेल दिया था. यह वह दौर था जब इजरायल को बाकी खाड़ी देश बहुत ज्यादा पसंद नहीं करते थे. 1968 में दोनों के बीच एक समझौता भी हुआ ताकि पाइपलाइन के जरिए ईरान से तेल इजरायल पहुंच सके. 1980 के दशक में ईरान का इराक के साथ युद्ध चल रहा था, तब इजरायल ने ही उसे हथियार दिए. इजरायल ने ईरान को हाईटेक मिसाइलें और एंटी-टैंक गन जैसे हथियार दिए थे.

लेकिन दोनों देशों के रिश्ते तब बिगड़ना शुरू हुए, जब 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई. इस्लामिक क्रांत के बाद ईरान में शाह का शासन खत्म हुआ. अयातुल्लाह अली खामेनेई सुप्रीम लीडर बने. इस इस्लामिक क्रांति ने न सिर्फ ईरान को बदल दिया बल्कि इजरायल से रिश्ते भी बिगाड़े. कभी उदारवादी रहा ईरान अब एक कट्टरपंथी इस्लामी राष्ट्र बन चुका था. इस्लामिक क्रांति ने ईरान को अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों से भी दूर कर दिया था. लेकिन 1991 के खाड़ी युद्ध ने हालात और खराब किए. ईरान ने एक बार इजरायल को छोटा शैतान और अमेरिका को बड़ा शैतान कहकर संबोधित किया था. उस पर इजरायल के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर छेड़ने का भी आरोप लगता है.

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