
नई दिल्ली: 1 अक्टूबर, 2025 से भारत (India) में कई बैंक, सरकारी विभाग (Government Departments) और नियामक संस्थाएं अपने नियमों और फीस में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही हैं. इनमें बैंकिंग (Banking) शुल्कों से लेकर रेलवे टिकट बुकिंग, चेक क्लियरिंग और पेंशन योजनाओं तक कई अहम अपडेट शामिल हैं. ये बदलाव आम लोगों के रोजाना के कामकाज पर असर डालेंगे, इसलिए इसे समझना जरूरी है.
HDFC बैंक ने अपने प्रीमियम इम्पेरिया ग्राहकों के लिए नए नियम लागू करने का फैसला किया है. अब 1 अक्टूबर, 2025 से इम्पेरिया प्रोग्राम में बने रहने के लिए ग्राहकों को नए पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा. यह बदलाव उन ग्राहकों पर लागू होगा जो 30 जून, 2025 तक इस प्रोग्राम का हिस्सा बन चुके हैं. इसका मतलब है कि बैंक अब अपने खास ग्राहकों से अधिक कड़ी शर्तें रखेगा.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 4 अक्टूबर, 2025 से चेक क्लियरिंग की प्रक्रिया को बदलेगा. अब चेक क्लियरिंग बैच सिस्टम की जगह तत्काल क्लियरिंग होगी, जिससे चेक पर तुरंत ही पैसे मिलेंगे. यह बदलाव दो चरणों में होगा पहला चरण 4 अक्टूबर से 2 जनवरी तक और दूसरा चरण 3 जनवरी से शुरू होगा। इससे बैंकिंग ट्रांजैक्शन और भी तेज हो जाएंगे.
पंजाब नेशनल बैंक ने 1 अक्टूबर से अपने कई सेवा शुल्कों में वृद्धि की घोषणा की है. खासकर लॉकर के किराए, स्थायी निर्देशों की विफलता पर लगने वाले शुल्क और नामांकन फीस में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, भुगतान रोकने के निर्देशों के लिए शुल्क वही रहेगा.
भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग कंपनी IRCTC 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए नए नियम लागू कर रही है. अब टिकट बुक करते समय आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं को ही ये सुविधा मिलेगी. इसका उद्देश्य टिकट बुकिंग प्रणाली को धोखाधड़ी और गलत उपयोग से बचाना है. यह बदलाव रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और टिकटिंग सिस्टम की पारदर्शिता को बढ़ाएगा.
यस बैंक भी 1 अक्टूबर से अपने वेतन खातों के शुल्क में बदलाव कर रहा है. नकद लेनदेन, एटीएम निकासी सीमा, डेबिट कार्ड शुल्क और चेक वापस होने पर जुर्माने में संशोधन किए जाएंगे. इससे बैंक के वेतन खाता धारकों को अपनी बैंकिंग आदतों पर ध्यान देना होगा.
भारतीय डाक की स्पीड पोस्ट सेवा 1 अक्टूबर से महंगी हो जाएगी. नए शुल्कों में जीएसटी अलग दिखेगा और ग्राहक अब ओटीपी-आधारित डिलीवरी का विकल्प भी चुन सकेंगे, जिससे डिलीवरी और सुरक्षित होगी. इन बदलावों का मकसद स्पीड पोस्ट को ज्यादा भरोसेमंद और यूजर-फ्रेंडली बनाना है.
पेंशन निधि नियामक प्राधिकरण (PFRDA) ने NPS, UPS, और Atal Pension जैसी पेंशन योजनाओं के लिए रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों के शुल्कों में बदलाव किया है. ये नए शुल्क 1 अक्टूबर से लागू होंगे और ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरीकों से ग्राहकों के खातों पर लागू होंगे. इससे पेंशनधारकों को कुछ अतिरिक्त शुल्क देने पड़ सकते हैं.
जो कर्मचारी UPS पेंशन योजना में हैं, उनके लिए एनपीएस में वापस आने की आखिरी तारीख 30 सितंबर, 2025 है. 1 अक्टूबर से यह स्विच संभव नहीं होगा. अगर कोई भी कर्मचारी स्विच करना चाहता है, तो इसे समय से पहले पूरा कर लेना जरूरी होगा. एनपीएस के गैर-सरकारी ग्राहकों को अब अपने निवेश का पूरा 100% हिस्सा इक्विटी में लगाने की छूट मिलेगी. इसके अलावा, एक ही PRAN नंबर के तहत वे कई रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों में योजना रख सकेंगे। यह नए निवेश विकल्प ग्राहकों को ज्यादा लाभ दिला सकते हैं.
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