
नई दिल्ली । आतंकियों (Terrorists)को पालने वाले पड़ोसी देश(Neighbouring countries) पाकिस्तान(Pakistan) की मदद करने वाले दूसरे पड़ोसी (Other Neighbors)चीन(China) में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की अटकलें जोर मार रही हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की छुट्टी हो सकती है और उनकी जगह किसी दूसरे शख्स को नेतृत्व सौंपा जा सकता है। इन अटकलों के पीछे चीनी राष्ट्रपति की 16 दिनों की रहस्यमयी अनुपस्थिति को अहम वजह माना जा रहा है। शी जिनपिंग 21 मई से 5 जून के बीच सार्वजनिक तौर पर नहीं देखे गए थे। इसी वजह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उच्चतम स्तर पर आंतरिक राजनीतिक उठापटक की अटकलें लगाई जा रही हैं।
कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आधिकारिक कार्यक्रमों, सरकारी मीडिया कवरेज और हाई-प्रोफाइल राजनयिक बैठकों से शी की अचानक अनुपस्थिति ने इन अटकलों को जन्म दिया है। इसके अलावा शी के कार्यकाल में चीनी अर्थव्यवस्था का संकट और उच्चतम बेरोजगारी दर ने भी चीन में सत्ता परिवर्तन के कयासों को हवा दिया है। इस तरह गायब रहने वाले कई मंत्रियों की पहले भी छुट्टी हो चुकी है।
दरअसल, चीन का अतीत शीर्ष नेतृत्व को दरकिनार करने का रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) पहले भी तीन बड़े नेताओं के साथ ऐसा कर चुकी है और सत्ता संचालन की उनकी ताकत कमतर कर चुकी है। CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि वर्तमान में, वास्तविक शक्ति केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के पहले उपाध्यक्ष जनरल झांग योझिया के पास है, जो शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार, हू जिन्ताओ गुट से CCP के वरिष्ठों का समर्थन रखते हैं।
शी का पार्टी पर वैचारिक नियंत्रण भी कमजोर
रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे शी जिनपिंग का सत्ता पर और पार्टी पर वैचारिक नियंत्रण कमजोर होता जा रहा है, वैसे-वैसे वांग यांग को उनके उत्तराधिकारी और भविष्य के सुधारवादी नेता के रूप में देखा जा रहा है। उन्हें एक टेक्नोक्रेट के रूप में तैयार किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के CCP में नेतृत्व परिवर्तन सीधे बर्खास्तगी की बजाय दरकिनार कर किया जाता रहा है।
जिनपिंग की सत्ता पर पकड़ लगातार कमजोर हो रही
हालांकि, अभी तक शी जिनपिंग अपने शीर्ष पद पर काबिज हैं लेकिन रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सैन्य, आर्थिक और सत्ता संचालन के क्षेत्र में शी जिनपिंग की पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है और उन्होंने अपना प्रभुत्व खो सा दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शी जिनपिंग पर स्टेट मीडिया की चुप्पी भी सत्ता परिवर्तन का संकेत दे रही है। इस बीच चीन आर्थिक मोर्चे पर और संकटग्रस्त होता जा रहा है। युवा बेरोजगारी दर 15 फीसदी पर पहुंच गई है। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है। सेमीकंडक्टर फंडिंग प्रोग्राम की विफलता ने आर्तिक संकट को और बढ़ा दिया है।
LAC पर भारत से विवाद बढ़ने की आशंका
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी आंतरिक समस्याओं का ठीकरा बाहरी ताकतों खासकर भारत पर फोड़ने का आदि रहा है। 2024 के अंत में चीनी सेना PLA के वेस्ट्रन थिएटर कमांड में फेरबदल इसी का संकेत देते हैं। संकेत इस बात के भी हैं कि PLA का नया थिएटर कमांड LAC पर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तनाव बढ़ा सकता हैं, ताकि घरेलू मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। 2012 में चीन ने आंतरिक संकट के दौरान दक्षिण चीन सागर में और 2020 में कोविड महामारी के दौरान लद्दाख में विवाद को जानबूझकर बढ़ाया था।
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