
नई दिल्ली । अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल(major general) माइकल कुरिल्ला(Michael Kurilla) को पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government)द्वारा ‘निशान-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)’ से सम्मानित किया गया है। यह पाकिस्तान का सैन्य क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उन्हें इस्लामाबाद में एक औपचारिक समारोह में प्रदान किया। जनरल कुरिल्ला को तीनों सेनाओं के गार्ड ऑफ ऑनर से भी नवाजा गया।
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक, यह सम्मान उन्हें क्षेत्रीय सुरक्षा में उत्कृष्ट योगदान और पाकिस्तान-अमेरिका के बीच रणनीतिक रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया। पाकिस्तान सरकार ने कहा कि जनरल कुरिल्ला ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के साथ साझेदारी को गहरा करने में अहम भूमिका निभाई है और दक्षिण एशिया में स्थिरता बनाए रखने में योगदान दिया है।
जनरल कुरिल्ला ने क्या कहा था?
जनरल कुरिल्ला ने जून में पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ शानदार साझेदार बताया था। उन्होंने कहा था, “हमें भारत और पाकिस्तान दोनों से संबंध रखने की जरूरत है। यह कोई बाइनरी विकल्प नहीं है कि अगर भारत से संबंध हों तो पाकिस्तान से न हों।”
भारत ने जताई थी नाराजगी
भारत ने जनरल कुरिल्ला के बयान पर कड़ा एतराज जताया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था, “पाकिस्तान का रिकॉर्ड सबके सामने है। हालिया पहलगाम आतंकी हमला इसका उदाहरण है। 2008 का मुंबई हमला और ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान द्वारा पनाह देना सभी को याद है।” भारत ने अमेरिका को स्पष्ट शब्दों में कहा कि सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भी अभी अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात की। रूबियो ने डार से मुलाकात के बाद कहा, “पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी और क्षेत्रीय स्थिरता में अहम भूमिका निभाई है।” दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर भी चर्चा की।
अमेरिका-पाक की दोस्ती के राजनीतिक मायने?
1. भारत के लिए यह एक कूटनीतिक चुनौती है, क्योंकि एक ओर भारत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका को उजागर कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका का एक उच्च सैन्य अधिकारी उसे शानदार साझेदार बता रहा है।
2. पाकिस्तान इस सम्मान को अमेरिका के साथ संबंधों की नई शुरुआत के रूप में पेश कर रहा है, खासतौर पर ऐसे समय में जब वह आर्थिक और राजनीतिक दबाव में है।
3. भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी पर भी इस घटनाक्रम का प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे समय में जब दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved