
नई दिल्ली । बांग्लादेश(Bangladesh) की अपदस्थ प्रधानमंत्री (Prime Minister)को सजा-ए-मौत के फैसले पर आपत्ति जताने वालों में एडवोकेट रविंद्रनाथ घोष(Advocate Ravindranath Ghosh) का नाम भी जुड़ गया है। घोष जेल में बंद ISKCON के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास के वकील हैं। उन्होंने कहा है कि हसीना के मामले में अपीलीय अदालत ने तथ्यों के आधार पर फैसला नहीं सुनाया है। बांग्लादेश की कोर्ट ने पूर्व पीएम को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, घोष ने कहा, ‘…मैं शेख हसीना को जानता हूं। मैं मुल्क के सारे राजनेताओं को जानता हूं। ट्रिब्यून की तरफ से दिया गया फैसला तथ्यों और हालात पर आधारित नहीं है। अपीलीय अदालत से मेरा निवेदन है कि इस मामले की तत्काल जांच करें…। मौत की सजा के मामले में आरोपी के वकील और अभियोजन को क्रॉस एग्जामिन करना चाहिए। बगैर इसके यह कैसे संभव हुआ?…’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वो जज हैं।’
बांग्लादेश ने की प्रत्यर्पण की मांग
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल को तुरंत प्रत्यर्पित करने का सोमवार को भारत से आग्रह किया। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इन दोनों दोषियों को तत्काल बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंप दे।’ मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच मौजूदा द्विपक्षीय प्रत्यर्पण समझौता दोनों दोषियों के स्थानांतरण को नई दिल्ली की अनिवार्य जिम्मेदारी बनाता है।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (ICT-BD) ने बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगी, असदुज्जमां खान कमाल को पिछले वर्ष के छात्र विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध के लिए सोमवार को उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई। पिछले साल 5 अगस्त को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश से निकलने के बाद से हसीना भारत में रह रही हैं। अदालत ने उन्हें पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया था। माना जा रहा है कि खान भी भारत में हैं।
भारत ने क्या कहा
भारत ने सोमवार को कहा कि उसने फैसले पर गौर किया है और वह पड़ोसी देश में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक रूप से बातचीत करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में ‘बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ द्वारा सुनाए गए फैसले पर गौर किया है।’ उसने कहा, ‘एक करीबी पड़ोसी के रूप में भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है।’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ सदैव रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे।’
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