गाजा। इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों (Israeli security agencies) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यहूदिया और सामरिया (Judea-Samaria) क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में 15 फिलिस्तीनी संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां हमास के साथ हुए समझौते के तहत करीब 250 फिलिस्तीनी सुरक्षा कैदियों को रिहा करने की योजना से ठीक पहले हुई हैं। सुरक्षाकर्मियों ने शनिवार को कई गांवों में ‘जश्न के जुलूसों और उग्रवाद भड़काने वाली’ गतिविधियों को कुचलने के लिए अभियान चलाया। इजरायल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ), शिन बेट (इजरायल की आंतरिक सुरक्षा सेवा) और बॉर्डर पुलिस ने रामल्लाह जिले के उन क्षेत्रों में संयुक्त रूप से सैनिक तैनात किए, जहां हमास समर्थक सभाएं आयोजित हो रही थीं।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, सिलवाड़ और नालिन गांवों में सेना ने उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले झंडों से सजे वाहनों को जब्त कर लिया और जुलूस में भाग ले रहे आठ लोगों को हिरासत में लिया। इसके अलावा, अन्य संदिग्ध क्रियाकलापों के कारण सात अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया, जिनमें अब्द अल-अजीज खमायस शामिल है। वह एक सोशल मीडिया पेज चलाता है, जिसके हजारों फॉलोअर्स हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, उसने ‘आतंकवाद को भड़काने वाली’ सामग्री का प्रसार किया था। खमायस का भाई इस्लाम खमायस मई 2024 में एक हवाई हमले में मारे गए फिलिस्तीनी उग्रवादी का था।
गौरतलब है कि गाजा से बंधकों की रिहाई सोमवार सुबह से शुरू होने की उम्मीद है, उसके बाद लगभग 250 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त किया जाएगा। यह आदान-प्रत्यदान हमास के उस दावे से जटिल हो गया है, जिसमें उसने कहा कि वह कुछ शवों का पता नहीं लगा पा रहा। 7 अक्टूबर को गाजा सीमा के पास इजरायली बस्तियों पर हमास के हमलों में करीब 1200 लोग मारे गए थे और 252 इजरायली तथा विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। बाकी 48 बंधकों में से लगभग 20 के जीवित होने की संभावना है।
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