
नई दिल्ली । इजरायल(israeli) और ईरान(Iran) के बीच शुरू हुई जंग की आग भयावह(The terrible fire of war) होती जा रही है। गुरुवार को एक तरफ जहां ईरान के परमाणु कार्यक्रमों (Nuclear programs)और तेल ठिकानों(Oil bases) पर इजरायली हमले जारी रहें, वहीं दूसरी तरफ ईरान ने एक इजरायली अस्पताल को निशाना बनाकर बड़ा हमला कर दिया। ईरानी हमले से हुई तबाही के बाद इजरायली प्रधानमंत्री ने ईरान को बड़ी चेतावनी दी है। नेतन्याहू ने यह भी कहा है कि इस जंग का मकसद अयातुल्ला अली खामेनेई के शासन को खत्म करना नहीं है, लेकिन यह जंग का परिणाम जरूर हो सकता है।
बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को इजराइल के कान पब्लिक टीवी के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “सत्ता परिवर्तन या मौजूदा शासन के पतन के बारे में सोचना ईरानी लोगों का मसला है।” उन्होंने आगे कहा, “और इसीलिए हमने इसे अपना लक्ष्य नहीं रखा है। लेकिन ये युद्ध का परिणाम हो सकता है।”
अमेरिका की जरूरत नहीं- नेतन्याहू
इस दौरान नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का मकसद ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करना है और इसके लिए उन्हें अमेरिका की जरूरत नहीं है। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल के पास ईरान की सभी परमाणु ठिकानों को बर्बाद की शक्ति है, चाहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसमें उनकी मदद करें या नहीं। बता दें कि नेतन्याहू के इस बयान के बाद वाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि अमेरिका इस युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने पर अगले दो सप्ताह में फैसला करेगा।
ट्रंप वही करेंगे जो..
अमेरिका की मदद करने से जुड़े एक सवाल के जवाब से नेतन्याहू ने कहा, “हमारे पास सभी लक्ष्यों को भेदने की ताकत है और हम उनकी सभी परमाणु सुविधाओं को तबाह करने की शक्ति रखते हैं। यह राष्ट्रपति ट्रंप का फैसला होगा कि वह इसमें हिस्सा लेना चाहते हैं या नहीं।” नेतन्याहू ने कहा, “वह वही करेंगे जो अमेरिका के लिए सही है और मैं वही करूंगा जो इजरायल के लिए सही है।”
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