
तेल अवीव । इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज (Israeli Defense Minister Israel Katz) ने कहा कि जरूरत पड़ने पर (If Necessary) इजरायल ईरान पर दोबारा हमला करेगा (Israel will attack on Iran again) ।
उन्होंने माना है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का खात्मा इजरायल चाहता था, लेकिन कई कोशिशों के बाद भी मौका नहीं मिला। काट्ज ने इजरायली टेलीविजन चैनल 13 समेत विभिन्न मीडिया चैनलों को दिए साक्षात्कार में ये बातें कहीं। काट्ज ने कहा कि सरकार ने बिना यह जाने कि अमेरिका इसमें शामिल होगा या नहीं, युद्ध शुरू कर दिया। माना कि इजरायल को नहीं पता कि यूरेनियम का भंडार कहां है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ईरान पर फिर हमला करेगा। रक्षा मंत्री के अनुसार सरकार ने बिना यह जाने कि अमेरिका इसमें शामिल होगा या नहीं, युद्ध शुरू कर दिया। इजरायल को नहीं पता कि यूरेनियम का भंडार कहां है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ईरान पर फिर हमला करेगा।
इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने खामेनेई के खात्मे को लेकर कहा, ‘अगर खामेनेई हमारी पहुंच में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हमने कोशिश तो पूरी की थी।’ काट्ज ने कहा, ‘इजरायल, खामेनेई को खत्म करना चाहता था, लेकिन ऐसा करने का कोई मौका नहीं था।’ काट्ज से जब पूछा गया कि क्या इजरायल ने अमेरिका से इसकी इजाजत मांगी थी, उन्होंने जवाब दिया, ‘हमें इन चीजों के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है।’ खामेनेई को लेकर उनका ये बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी युद्ध के दौरान खामेनेई की जान को खतरा बताया था। 17 जून को सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा, “हमें ठीक से पता है कि तथाकथित ‘सर्वोच्च नेता’ कहां छिपे हैं। वह एक आसान लक्ष्य हैं, लेकिन वहां सुरक्षित हैं – हम उन्हें खत्म नहीं करेंगे (मारेंगे!), कम से कम अभी तो नहीं।”
काट्ज ने बताया कि जरूरत पड़ी तो इजरायल दोबारा ईरान पर हमला करेगा। उन्होंने चैनल 12 से कहा, “हम ईरान को परमाणु हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलों को विकसित करने की अनुमति नहीं देंगे।” काट्ज ने यह भी स्वीकार किया कि इजरायल को ईरान के सभी एनरिच यूरेनियम का स्थान नहीं पता है, लेकिन दावा किया कि उनके सैन्य हमलों ने तेहरान की संवर्द्धन क्षमताओं को तबाह कर दिया है। चैनल 12 से बातचीत में यूरेनियम को लेकर कहा, “सामग्री स्वयं ऐसी चीज नहीं थी जिसे बाहर निकाला जाना चाहिए था।”
बता दें, हाल के दिनों में इस बात पर सार्वजनिक बहस चल रही है कि हमलों से ईरानी परमाणु कार्यक्रम को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है या नहीं, जबकि कुछ आकलनों में कहा गया है कि ईरान कुछ महीनों में ही परमाणु हथियार संपन्न होने वाला था। काट्ज समेत अन्य इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान को तगड़ा नुकसान पहुंचा है। काट्ज के मुताबिक, “इसमें उन्हें कई साल लगेंगे, लेकिन हम (इजरायल) ऐसा नहीं होने देंगे।”
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