वेस्ट बैंक। युद्ध की कहानियां (War stories) तो आपने कई सुनी होंगी, जहां सेनाएं गोला-बारूद से हमला करती हैं। लेकिन इजरायली सेना वेस्ट बैंक में बुलडोजर लेकर जैतून के पेड़ उखाड़ रही है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, रविवार को वेस्ट बैंक के अल-मुगय्यिर गांव में इजरायली सेना की मौजूदगी में बुलडोजरों ने सैकड़ों जैतून के पेड़ नष्ट कर दिए। संयुक्त राष्ट्र ने भी पुष्टि की है कि क्षेत्र में अकाल जैसी स्थिति है, जहां लोग और बच्चे भूख से जूझ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
जैतून के पेड़ फिलिस्तीन के इतिहास, संस्कृति और अर्थव्यवस्था से गहराई से जुड़े हैं। ये लचीलेपन, पैतृक भूमि से लगाव और कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक हैं। जैतून की खेती हजारों परिवारों की आजीविका का आधार है। सालाना फसल का समय उत्सव के साथ-साथ इजरायली प्रतिबंधों और हमलों के खिलाफ संघर्ष का भी दौर होता है।
बुलडोजर से गिराए गए पेड़
इजरायल ऐसा क्यों कर रहा?
स्थानीय कृषि संघ के नेता घासन अबू आलिया का कहना है कि इजरायल का उद्देश्य क्षेत्र पर कब्जा और फिलिस्तीनियों को पलायन के लिए मजबूर करना है। उन्होंने कहा कि यह शुरुआत है, यह पूरे वेस्ट बैंक में फैलेगा। बुलडोजर का काम गुरुवार से शुरू हुआ। एक फिलिस्तीनी एनजीओ के अनुसार, तीन दिनों में 14 लोग गिरफ्तार किए गए। इजरायली सेना ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है।
शुक्रवार को सेना ने बताया कि अल-मुगय्यिर से एक व्यक्ति को ‘आतंकवादी हमले’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 16 अगस्त को फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने कहा कि उसी गांव में एक 18 वर्षीय युवक को इजरायली सेना ने गोली मार दी। सेना ने इसे ‘पत्थरबाजी’ का जवाब बताया, लेकिन युवक की मौत से सीधा संबंध नहीं जोड़ा।
हिंसा का बढ़ता दौर
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद गाजा में युद्ध शुरू होने से वेस्ट बैंक में हिंसा बढ़ी है। एएफपी के आंकड़ों के मुताबिक, तब से 971 फिलिस्तीनी (आतंकवादी और नागरिक) इजरायली सैनिकों या बस्ती वासियों द्वारा मारे गए, जबकि 36 इजरायली मारे गए। 1967 से इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 30 लाख फिलिस्तीनी और 5 लाख इजरायली रहते हैं, जिनकी बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून में अवैध मानी जाती हैं।
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