
नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तमिलनाडु (Tamil Nadu) के महेंद्रगिरी स्थित प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में स्वदेशी C20 क्रायोजेनिक इंजन (C20 Cryogenic Engine) का सी-लेवल हॉट टेस्ट किया है. इस टेस्ट के दौरान इंजन को रीस्टार्ट करने के लिए जरूरी मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर के प्रदर्शन की भी टेस्टिंग की गई.
समुद्र तल पर CE20 इंजन का परीक्षण करना एक बड़ी चुनौती है. जब बात इंजन के नोजल के एग्जिट प्रेशर का हो. इसकी बदौलत ही रॉकेट ऊपर जाता है. यह करीब 50 mbar था. इसरो ने इससे पहले इस इंजन की टेस्टिंग बिना नोजल बंद किए जमीन पर किया था. उस समय वैक्यूम इग्निशन किया गया था.
स्वदेशी रूप से विकसित CE20 क्रायोजेनिक इंजन को लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर ने बनाया है. ये इसरो के रॉकेट LVM3 के ऊपरी चरण को ताकत देता है. 19 टन के थ्रस्ट पैदा करता है. इस इंजन ने अब तक छह LVM3 रॉकेट के अपर स्टेज को सफलतापूर्वक लॉन्च कराया है.
ISRO achieves a major milestone! The C20 cryogenic engine successfully passes a critical test in ambient condition, featuring restart enabling systems—a vital step for future missions 🚀🌌
Link: https://t.co/rvDTB1hrZr pic.twitter.com/mePGyjT95b— ISRO (@isro) December 12, 2024
इसी इंजन से गगयान मिशन को भी लॉन्च किया जाना है. इसके लिए 20 टन का थ्रस्ट लेवल चाहिए. बाद में ये बढ़कर 22 टन होगा, जिसके लिए सी32 इंजन भी तैयार किया जाएगा. ये इंजन बनने के बाद भारत दुनिया के अन्य देशों से अपने भारी सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए मदद नहीं मांगेगा.
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