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चीन-ताइवान तनाव पर सनसनीखेज खुलासा, ISW की रिपोर्ट ने हिलाया दिमाग

October 07, 2025

वीजिंग। इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISW) ने चीन और ताइवान के बीच तनाव को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ताइपे टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी जहाज ताइवान के क्षेत्रीय जलक्षेत्र (खासकर एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन या EEZ) में नकली ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AIS) सिग्नल भेज रहे हैं। यह संज्ञानात्मक युद्ध (कॉग्निटिव वॉरफेयर) की एक सुनियोजित रणनीति है, जिसका लक्ष्य ताइवान की विभिन्न घुसपैठों (इंट्रूजन) पर प्रतिक्रियाओं का परीक्षण करना है। इससे चीन ताइवान के सूचना तंत्र को भ्रमित कर सकता है और उसके खतरे की पहचान तथा प्रतिक्रिया तंत्र को कमजोर कर सकता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले भी कई चीनी मछली पकड़ने वाले जहाजों ने ताइवान के जलक्षेत्र में झूठे AIS सिग्नल उत्सर्जित किए थे। इनमें से एक ने रूसी युद्धपोत की नकल की थी, जबकि दूसरे ने चीनी कानून प्रवर्तन पोत का भेष धारण किया था। स्टारबोर्ड मैरीटाइम इंटेलिजेंस के आंकड़ों का जिक्र करते हुए रिपोर्ट बताती है कि अगस्त और पिछले महीने के दौरान, चीनी मछली पकड़ने वाली नाव ‘मिन शि यू 06718’ ने ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरते हुए समय-समय पर अपना AIS सिग्नल और ‘हाई शुन 15012’ नामक पोत का सिग्नल भेजा।



रिपोर्ट के अनुसार, ‘हाई शुन’ श्रेणी के जहाज आमतौर पर चीन मैरीटाइम सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (CMSA) द्वारा संचालित होते हैं, जो एक सिविलियन कानून प्रवर्तन एजेंसी है और ताइवान के खिलाफ चीन की आक्रामक कार्रवाइयों में इसकी कोई प्रमुख भूमिका नहीं रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि मछली पकड़ने वाला जहाज CMSA पोत का छद्मवेश धारण कर रहा था, न कि उलटा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 17 सितंबर को एक अन्य मछली पकड़ने वाली नाव ‘मिन शि यू 07792’ ने ताइवान के उत्तरी EEZ में रूसी युद्धपोत ‘532’ का नकली सिग्नल प्रसारित किया।

ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उसी समय और स्थान पर कई अन्य ‘मिन शि यू’ नौकाओं ने भी झूठे AIS सिग्नल भेजे, जिनमें से एक ने टगबोट का रूप लिया तो दूसरे ने किसी अन्य मछली पकड़ने वाले जहाज का। इससे स्पष्ट होता है कि चीन AIS स्पूफिंग का सहारा लेकर ताइवान के सूचना वातावरण को दूषित कर रहा है और कथित घुसपैठों पर ताइवान की प्रतिक्रियाओं का मूल्यांकन कर रहा है। रिपोर्ट में जोर दिया गया है कि एक ही नाम वाली कई नावों द्वारा निकट समय और स्थान पर विभिन्न नकली सिग्नल भेजना एक समन्वित रणनीति का प्रमाण है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ये मछली पकड़ने वाली नावें संभवतः चीनी समुद्री मिलिशिया का हिस्सा हैं, जिसका चीन अक्सर ताइवान जलडमरूमध्य और दक्षिण चीन सागर में ‘ग्रे जोन’ दबाव, उत्पीड़न और निगरानी के लिए इस्तेमाल करता है। इसके अलावा, 15 से 17 सितंबर के बीच चीनी तटरक्षक जहाजों ने किनमेन काउंटी के आसपास के प्रतिबंधित जलक्षेत्र में चार बार घुसपैठ की।

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