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GST दरों में कटौती का लाभ आम आदमी तक सीधे पहुंचाना बड़ी चुनौती..

September 02, 2025

नई दिल्ली। जीएसटी (GST) में अगली पीढ़ी सुधारों (Next generation reforms) के तहत जल्द ही दरों में बदलाव (कटौती) की तैयारी है। बुधवार से जीएसटी काउंसिल (GST Council) की दो दिवसीय बैठक दिल्ली में होने जा रही है, जिसमें चार की जगह दो स्लैब रखने के प्रस्ताव पर मोहर लगने की पूरी संभावना है। इस बदलाव के बाद सरकार के सामने बड़ी चुनौती जीएसटी दरों में कटौती का लाभ आम आदमी, किसान और छोटे उद्यमियों को देना का रहेगा, क्योंकि मौजूदा समय में कोई ऐसी समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसके तहत कीमतों पर सीधे तौर पर निगरानी रखी जा सके।

सूत्रों का कहना है कि राज्यों की तरफ से भी यह चिंता जाहिर की गई है कि जीएसटी दरों में कटौती का लाभ सीधे तौर पर आम आदमी, किसान और उद्यमी को मिलेगा। यह कैसा सुनिश्चित होगा।


खासकर विपक्षी शासित राज्यों ने बीते दिनों मंत्रियों के समूह की बैठक में मांग उठाई है कि एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिसके जरिए सुनिश्चित यह सुनिश्चित किया जा सके कि दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। अब जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी राज्यों इस मुद्दे को उठा सकते हैं।

सीधा लाभ ग्राहकों को देना होगा
हालांकि, सरकार का मानना है कि जब इतने बड़े स्तर पर फैसला होगा तो उसका सीधा लाभ ग्राहकों को देना होगा, क्योंकि 12 फीसदी स्लैब में शामिल 99 फीसदी वस्तुएं बदलाव के बाद पांच फीसदी के स्लैब में आ जाएंगी। जबकि, 28 फीसदी के स्लैब में शामिल करीब 90 फीसदी वस्तुएं 18 फीसदी के स्लैब में शामिल हो जाएंगी, लेकिन कई राज्य चाहते हैं कि एक निगरानी व्यवस्था हो, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार द्वारा की जा रही कटौती का लाभ ग्राहकों को मिले।

कटौती को लेकर पुराना अनुभव सही नहीं
जीएसटी दरों में कटौती को लेकर पुराना अनुभव सही नहीं रहा है। पूर्व में देखा गया है कि जीएसटी काउंसिल द्वारा कुछ उत्पादों एवं सेवाओं पर कर दरों में कटौती की गई। उन्हें कम दर वाले स्लैब में डाला गया, लेकिन उसके बाद कंपनियों ने अपने उत्पादों व सेवाओं के आधार मूल्य को बढ़ा दिया। उत्पादों की कीमतों में कोई कटौती नहीं हुई, उलटे कंपनियों ने जीएसटी कटौती को मुनाफा वसूली का जरिया बना लिया।

बाजार में मांग बढ़ाने की कोशिश
बीते महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रहा है, जिसे बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 6.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उधर, अगस्त में जीएसटी रिफंड में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है, जो बीते महीने में घटकर 19,359 करोड़ रुपये का रहा है।

सोमवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में देश का कुल टैक्स कलेक्शन 1,86,315 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई की तुलना में 6.5 फीसदी अधिक रहा है। हालांकि जुलाई (2025)में कुल जीएसटी कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहा था। इस लिहाज से जुलाई के मुकाबले गिरावट आई है लेकिन सरकार का मानना है कि सालाना आधार पर टैक्स कलेक्शन का बढ़ना दर्शाता है कि देश में आर्थिक गतिविधियों में बीते वर्ष के मुकाबले तेजी आ रही है।

कीमतों पर कड़ी निगरानी
जीएसटी काउंसिल की बैठक में विपक्षी राज्यों की मांग पर केंद्र सरकार कीमतों पर कड़ी निगरानी रखने का फैसला ले सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। उधर, जीएसटी दरों में कटौती का फैसला के बाद उद्योग जगत, कंपनियों और हितधारकों को सरकार निर्देश देगी कि कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों को दिया जाए।

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